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    World Snake day 2019 : झारखंड में पाए जाते 25 प्रकार के सांप, दो फीसद ही जहरीले

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 16 Jul 2019 08:55 PM (IST)

    झारखंड में करीब 25 प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इनमें सिर्फ दो फीसद ही जहरीले होते हैं।तीन सांप मुख्यरूप से जहरीले माने गए हैं। इनमें कोबरा (नाग गेहुंवन) वाइपर और करैत है।

    World Snake day 2019 : झारखंड में पाए जाते 25 प्रकार के सांप, दो फीसद ही जहरीले

    जमशेदपुर, जेएनएन। World Snake day  विश्व सांप दिवस 16 जुलाई को हर देश में मनाया जाता है। इसका मकसद है सांपों के बारे में लोगों के भय और भ्रम को दूर करना। वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन विभाग के अनुसार, झारखंड में करीब 25 प्रकार के सांप पाए जाते हैं। इनमें सिर्फ दो फीसद ही जहरीले होते हैं।झारखंड में तीन सांप मुख्य रूप से जहरीले माने गए हैं। इनमें कोबरा (नाग, गेहुंवन), वाइपर और करैत शामिल हैं। 

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    सांप चूहों को खाकर इनकी संख्या प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करते हैं। इससे कई तरह की बीमारी फैलने का खतरा कम होता है। अनाज भी बर्बाद होने से बचता है। सांप किसी इंसान को तबतक नहीं डंसते, जब तक उन्हें छेड़ा नहीं जाए। या गलती से उनपर पैर नहीं पड़ जाए। झोलाछाप डाक्टर और ओझा-गुनी के पास इलाज के लिए नहीं जाएं। डंसे हुए स्थान पर बर्फ का इस्तेमाल नहीं करें।

     ऐसे पहचाने जहरीले सांप

    जहरीले सांप के डंसने से त्वचा पर एक या दो गहरे विषदंत के निशान बनते हैं। खून निकलता है। दंत के शेष निशान विषदंत से छोटे होते हैं। विषहीन सांप के डंसने पर विषदंत का निशान नहीं बनता। दांतों के निशान छोटे व एक समान दिखते हैं।

     सांप डंस ले तो क्या करें

    पहले पहचान करें कि सांप जहरीला है या नहीं। दोनों स्थिति में संर्पदंश की जगह को साबुन से धोकर डेटॉल से साफ सुथरा कर लें। अगर जहरीले सांप ने डंसा हो तो पीडि़त को ज्यादा हिलने डुलने नहीं दें। ना ही लेटने दें। आराम से बैठने की व्यवस्था करें। डंसने के स्थान के दो-तीन इंच ऊपर कपड़ा से जितना ऊपर तक हो सके बांध दे। इसके बाद बेहतर उपचार के लिए शीघ्र डाक्टर से संपर्क करें।

     ऐसे पहचाने किस सांप ने डंसा

    • नाग डंसने के थोड़े वक्त बाद ही जहर का असर दिखने लगता है। डंसने के स्थान पर जलन, दर्द व त्वचा का फूलना शुरू हो जाता है। आंखों के सामने धुंध छाने लगता है। सांस लेने में परेशानी होने लगती है। आवाज लडख़ड़ाने लगता है।
    • वाइपर के डंसने पर थूक, उल्टी और मल-मूत्र में खून आने लगता है। इस भी जहर तुरंत असर दिखाता है।
    • करैत के डंसने के बाद छह से 12 घंटे में पेट और जोड़ों में दर्द उठने लगता है। डंसने वाले स्थान पर जलन नहीं होती और ना ही त्वचा में सूजन आती है।

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