घाघीडीह सेंट्रल जेल पर रहेगी तीसरी आंख की नजर, 200 सीसीटीवी कैमरे लगे
बैरकों में भी कैमरे लगाए गए है और उसके फुटेज को को स्टोर रखने का भी इंतजाम किए गए है। कैमरा लगाए जाने से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो गई है। कोई चोरी के अपराध में तो कोई हत्या व बड़ी वारदात को चलते सलाखों के पीछे पहुंचा है।

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। जेलकर्मियों की मिलीभगत से सुरक्षा में सेंधमारी कर सलाखों के पीछे मौज करने वाले दबंग बंदियों के दिन अब लद गए है और इस गठजोड़ को तोडऩे के लिए घाघीडीह सेंट्रल जेल प्रशासन ने जेल की सुरक्षा को बड़ा कदम उठाया है। ऐसे बंदियों की मनमानी पर प्रशासन की निगाह रहेगी। बंदियों की निगरानी के लिए 200 सीसीटीवी लगाए गए है। जेल के छूटे हुए हिस्सों को भी कैमरों के दायरा में लाया गया है। खराब हुए कैमरों को बदल दिया गया है।
बैरकों में भी कैमरे लगाए गए है और उसके फुटेज को को स्टोर रखने का भी इंतजाम किए गए है। कैमरा लगाए जाने से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो गई है। जेल में कोई चोरी के अपराध में तो कोई हत्या व बड़ी वारदात को चलते सलाखों के पीछे पहुंचा है। बैरक से बाहर आने पर ही उन पर पैनी नजर रखी जाती है जबकि, बैरक के अंदर पहुंचने के बाद उन पर निगाह रख पाना मुश्किल हो जाता है। बैरकों के अंदर बंदी क्या कर रहे है, किसी दूसरे के साथ अत्याचार तो नहीं कर रहे इसकी जानकारी नही मिल पाती थी। कैमरा लगा जाने से इस पर निगाह रखी जा सकेगी। कब कौन आ-जा रहा है इसका पर ध्यान रखा जा सकेगा।
लगेज स्कैनिंग मशीन के साथ चारदीवारी में लगाई गई बिजली फेंसिंग
जेल की सुरक्षा को और पुख्त करने को नई लगेज स्कैङ्क्षनग मशीन भी लगा दी गई है। मशीन पहले भी लगी थी जो सात साल से खराब पड़़ी थी। नई मशीन लग जाने से अब जेल में कोई भी प्रतिबंधित वस्तुएं नहीं जा पाएगी। वस्तुओं की मशीन से जांच होगी। वहीं जेल में बॉडी स्केनर मशीन भी लगा दी गई है जिससे आपत्तिजनक वस्तुएं और मोबाइल फोन ले जाना आसान नहीं होगा। मशीन लग जाने से बंदी रक्षकों का काम भी बेहद आसान हो जाएगा। जेल की चारदीवारी समेत बाहर निकलने के सभी संभावित किनारों पर बिजली फेंङ्क्षसग लगाई गई है।
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