₹5000 की दवा अब ₹1000 में, एक क्लिक में पढ़ें डॉक्टर की पर्ची, ऐप बताएगा असली दाम
आरवीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक वेबसाइट डॉक्टर साथ है बनाई है जो महंगी दवाओं और अस्पष्ट डॉक्टर के नुस्खों की समस्या का समाधान करती है। यह वेबसाइट नुस्खे पढ़कर सस्ती जेनेरिक दवाएं सुझाती है और लक्षणों के आधार पर बीमारियों का भी पता लगाती है। इस परियोजना ने बीआईटी सिंदरी में पुरस्कार भी जीते हैं।

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर में स्थित आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कुछ प्रतिभाशाली छात्रों ने एक ऐसी वेबसाइट बनाई है, जो मरीज़ों की दो बड़ी मुश्किलों को आसान कर देगी। इस वेबसाइट का नाम "डॉक्टर साथ है" है।
बताएगा जेनेरिक दवाओं का विकल्प
आजकल डॉक्टर अक्सर महंगी दवाएं लिखते हैं, जिनकी कीमत कई बार हजारों में होती है। इन दवाओं को खरीदना कई लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है। "डॉक्टर साथ है" वेबसाइट आपकी इसी परेशानी का हल देती है।
यह कैसे काम करता है?
आपको बस वेबसाइट पर अपनी महंगी दवा का नाम डालना है। वेबसाइट का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तुरंत उस दवा के जेनेरिक विकल्प (Generic Alternative) को खोजकर आपको दिखा देगा। इससे 5000 रुपये की दवा भी आपको मात्र 1000 रुपये में मिल सकती है, जिससे आपके पैसों की बचत होगी।
डॉक्टरी पर्ची पढ़ना अब होगा आसान
क्या आपने कभी सोचा है कि डॉक्टर की लिखावट को कैसे पढ़ा जाए? यह इतना मुश्किल होता है कि सिर्फ दवा की दुकान वाले ही इसे समझ पाते हैं। लेकिन अब आप खुद भी अपनी पर्ची पढ़ सकते हैं।
पर्ची को वेबसाइट पर अपलोड करें
"डॉक्टर साथ है" वेबसाइट पर अपनी पर्ची की फोटो अपलोड करें। AI उस लिखावट को पढ़कर दवाइयों के नाम और उनसे जुड़ी जानकारी आपको बता देगा। अगर वेबसाइट के डेटाबेस में कोई दवा नहीं मिलती है, तो वह आपको सूचित भी करेगा।
बीमारी के लक्षण पहचानें
अगर आपको पेट दर्द, सिर दर्द या अन्य कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आप इन लक्षणों को भी वेबसाइट पर डाल सकते हैं। वेबसाइट के डेटाबेस के अनुसार, यह AI आपको संभावित बीमारी का नाम बता देगा।
हालांकि, यह सिर्फ एक प्रारंभिक जानकारी है और किसी भी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
छात्रों का सराहनीय प्रोजेक्ट
यह वेबसाइट आरवीएस कॉलेज के कंप्यूटर साइंस के छात्रों आदर्श साहेब सिंह, प्रयोग प्रियांशु, प्रशांत कुमार और नीतिश कुमार ने अपने प्रोजेक्ट वर्क के तहत बनाई है।
कई प्रतियोगिताओं में भी सराहा गया है:
- BIT सिंदरी द्वारा आयोजित 'आइडिया हैकथॉन' में इसे 'बेस्ट स्टार्ट-अप आइडिया' का पुरस्कार मिला।
- अर्का जैन विश्वविद्यालय गम्हरिया की ओर से आयोजित हैकथॉन में इसे पहला पुरस्कार मिला।
यह वेबसाइट तकनीक का उपयोग करके लोगों की एक बड़ी समस्या का समाधान करने का एक बेहतरीन उदाहरण है।
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