Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मंदिर-मस्जिद, चर्च-गुरुद्वारे - सभी धार्मिक स्थलों पर अब नहीं लगेगा टैक्स, आदित्यपुर नगर निगम करा रहा सर्वे

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 09:37 PM (IST)

    आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे और चर्च समेत अन्य धार्मिक स्थलों को अब संपत्ति कर से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा। झारखंड सरकार की नियमावली के आलोक में निगम प्रशासन ने इन सभी स्थलों का सर्वे कराकर उन्हें निश्शुल्क होल्डिंग नंबर आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    Hero Image
    धार्मिक स्थलों को टैक्स से मुक्त करने के लिए आदित्यपुर नगर निगम कराएगा सर्वे।

    जासं, जमशेदपुर । आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च समेत अन्य धार्मिक स्थलों को अब संपत्ति कर से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।

    झारखंड सरकार की नियमावली के आलोक में निगम प्रशासन ने इन सभी स्थलों का सर्वे कराकर उन्हें निश्शुल्क होल्डिंग नंबर आवंटित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

    इस कदम से न केवल धार्मिक संस्थानों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि धार्मिक स्थल के नाम पर होने वाले भूमि अतिक्रमण पर भी अंकुश लगेगा।

    निगम के प्रशासक रवि प्रकाश ने इस संबंध में सिटी मैनेजर को जल्द से जल्द सर्वे कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है। यह कार्रवाई झारखंड नगरपालिका संपत्ति कर (निर्धारण, संग्रहण और वसूली) (संशोधन) नियमावली, 2022 के प्रावधानों के तहत की जा रही है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि जो होल्डिंग पूर्णतः धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग की जा रही हैं, वे संपत्ति कर से मुक्त होंगी, लेकिन उनका मूल्यांकन किया जाना अनिवार्य है। इसी नियम के आधार पर निगम ने यह पहल शुरू की है।

    जमीन के कागजात या शपथ पत्र देना अनिवार्य

    निगम के सिटी मैनेजर देवाशीष प्रधान ने बताया कि निश्शुल्क होल्डिंग टैक्स का लाभ लेने के लिए धार्मिक संस्थानों का संचालन करने वाली प्रबंधन समितियों को निगम में आवेदन देना होगा।

    आवेदन के साथ उस भूखंड का मालिकाना हक या संबंधित कागजात जमा करना होगा, जिस पर धार्मिक स्थल बना है। इससे जमीन का कुल क्षेत्रफल स्पष्ट हो सकेगा।

    उन्होंने बताया कि जिन पुराने धार्मिक संस्थानों के पास भूमि के कागजात उपलब्ध नहीं हैं, उनकी संचालन समिति को एक शपथ पत्र (एफिडेविट) देना होगा।

    इस शपथ पत्र में उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि धार्मिक स्थल कितनी भूमि पर बना है, वहां किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है और स्थल का उपयोग शांतिपूर्ण तरीके से पूजा-अर्चना के लिए किया जाता है।

    निगम इन आवेदनों और शपथ पत्रों की जांच करेगा और पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद ही नि:शुल्क होल्डिंग नंबर प्रदान किया जाएगा।

    अतिक्रमण पर लगेगा रोक

    निगम अधिकारियों के अनुसार, इस प्रक्रिया का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि जमीन के अतिक्रमण पर रोक लगेगी। अक्सर यह शिकायतें मिलती हैं कि धार्मिक स्थल की आड़ में अतिरिक्त सरकारी या निजी भूमि पर कब्जा कर लिया जाता है।

    अब जब हर धार्मिक स्थल को अपने उपयोग की भूमि का क्षेत्रफल कागजात या शपथ पत्र के माध्यम से घोषित करना होगा, तो उनकी एक सीमा तय हो जाएगी। इससे भविष्य में होने वाले अतिक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी।

    देवाशीष प्रधान ने सभी धार्मिक संस्थानों की समितियों से इस कार्य में सहयोग करने और आगे बढ़कर आवेदन करने की अपील की है, ताकि सरकार की इस योजना का लाभ सभी को मिल सके।