Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jagran Sanskarsala : बच्चों के मार्गदर्शन के लिए तकनीकी ज्ञान अभिभावक व बुजुर्गो के लिए आवश्यक

    जागरण संस्कारशाला के तहत डिजिटल संस्कार में अभिभावक व बुजुर्गो के लिए तकनीकी ज्ञान कितना आवश्यक है यह कितना उपयोगी है। इस संबंध पोटका प्रखंड के टांगराईन मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी ने कई बातें बताई है।

    By Jagran NewsEdited By: Uttamnath PathakUpdated: Sat, 29 Oct 2022 11:38 AM (IST)
    Hero Image
    अरविंद तिवारी, प्रधानाध्यापक, उत्क्रमित मध्य विद्यालय टांगराईन, पोटका, पूर्वी सिंहभूम।

    अच्छी आदतें जिन्हें हम अपने बुजुर्गों से ग्रहण करते हैं उसे संस्कार कहते हैं और उन गलत आदतों को जो हम सीखते हैं उन्हें कुसंस्कार कहते हैं। डिजिटल युग में जरूरी है कि बच्चों के साथ-साथ अभिभावक और घर के बुजुर्ग भी बुनियादी तकनीक का ज्ञान रखें। भागती दौड़ती जिंदगी में हर व्यक्ति के पास समय की कमी है। इंटरनेट मीडिया के साधन बुजुर्गों के लिए समय व्यतीत और अपडेट जानकारी रखने का उत्तम साधन हो गया है। इसके जरिए वे दूर रह रहे अपने रिश्तेदारों की खबर रखते हैं। उनका समय कट जाता है। उनका अकेलापन थोड़ी देर के लिए दूर हो जाता है। घर में अभिभावक और बुजुर्ग यदि तकनीकी ज्ञान रखते हैं तो बच्चों का भी बेहतर मार्गदर्शन कर सकते हैं, उन्हें अच्छे संस्कार के बीज डाल सकते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कंप्यूटर एवं इंटरनेट क्रांति ने सूचना एवं ज्ञान के संसार को काफी समृद्ध किया है। अब हम काफी आसानी से ज्ञान के विभिन्न स्रोतों को प्राप्त कर सकते हैं। इस सूचना एवं ज्ञान की क्रांति का फायदा हर उम्र के लोग उठा रहे हैं। आनलाइन शिक्षा के कारण अब उम्र का बंधन नहीं रहा है किसी भी उम्र के लोग किसी भी स्किल को अपनी मोबाइल से प्राप्त कर सकते हैं। अपने मनपसंद गुरु से ना क्षेत्र की सीमा है ना भाषा की सीमा है न हीं समय का बंधन है। इंटरनेट के फायदे के साथ-साथ उसके नुकसान भी हैं आजकल बच्चे ऐसी सामग्रियों से परिचित हो जाते हैं जो उनके उम्र के मुताबिक उचित नहीं है। अभिभावकों और बुजुर्गों को चाहिए कि अपने बच्चों के मार्गदर्शन के लिए तकनीकी ज्ञान अर्जित करें और उन्हें उचित मार्गदर्शन दें। यहां हमारे अभिभावकों और बुजुर्गों की भूमिका आती है यदि वे इस सूचना क्रांति के तकनीकी ज्ञान से परिचित रहे तो वे बच्चों का मार्गदर्शन उचित तरीके से कर सकते हैं। साथ ही वैसे स्किल जो उन्होंने उम्र के कारण क्षेत्र के कारण या किसी भी मजबूरी से अपना शौक नहीं पूरा कर पाए उसे अब वे तकनीकी ज्ञान एवं सूचना क्रांति के विपुल भंडार से प्राप्त कर सकते हैं।