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    Jamshedpur News: टाटानगर लोको कालोनी में बनेगा मॉडर्न कोचिंग डिपो, 200 रेलकर्मियों का उजड़ेगा आशियाना

    Updated: Tue, 12 Aug 2025 04:36 PM (IST)

    टाटानगर स्टेशन पर वंदे भारत जैसी ट्रेनों के रखरखाव के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कोचिंग डिपो बनाया जाएगा। इसके लिए लोको कॉलोनी के 200 रेलकर्मी परिवारों के क्वार्टरों को तोड़ा जाना प्रस्तावित है। इस डिपो में तीन वाशिंग लाइनें और पांच स्टेबलिंग लाइनें होंगी जिससे ट्रेनों की सफाई और रखरखाव में कम समय लगेगा। रेलवे बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है।

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    टाटानगर लोको कालोनी में बनेगा मॉडर्न कोचिंग डिपो

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटानगर स्टेशन को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करने की एक बड़ी योजना ने आकार लेना शुरू कर दिया है। वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनों के सुगम परिचालन और रखरखाव के लिए दक्षिण-पूर्व रेलवे यहां 400 करोड़ रुपये की भारी-भरकम लागत से अत्याधुनिक कोचिंग डिपो बनाने जा रहा है, लेकिन इस विकास की कीमत लोको कालोनी में बसे करीब 200 रेलकर्मी परिवारों को अपना आशियाना खोकर चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि डिपो के निर्माण के लिए इन क्वार्टरों को तोड़ा जाना प्रस्तावित है।

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    क्यों जरूरी है यह नया डिपो?

    टाटानगर से पटना और ब्रह्मपुर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस पहले से ही चल रही है, जबकि बिलासपुर, पुरी और बनारस जैसे नए मार्गों पर भी इसे शुरू करने की तैयारी है। इन आधुनिक ट्रेनों के रखरखाव के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं की जरूरत है, जो मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर में संभव नहीं। प्रस्तावित नए कोचिंग डिपो का निर्माण लोको कालोनी क्षेत्र में किया जाएगा, जिसमें तीन अत्याधुनिक वाशिंग लाइनें और पांच स्टेबलिंग लाइनें होंगी।

    इससे ट्रेनों की सफाई और रखरखाव में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा और परिचालन दक्षता बढ़ेगी। इस योजना के तहत स्टेशन की पुरानी वाशिंग लाइन को भी खत्म कर दिया जाएगा, ताकि एक एकीकृत और सुव्यवस्थित प्रणाली विकसित की जा सके।

    वरिष्ठ अधिकारियों से इसे सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है और अब रेलवे बोर्ड की अंतिम मुहर का इंतजार है। यह योजना जहां टाटानगर को देश के रेल मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण और आधुनिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। 200 क्वार्टरों के टूटने का सीधा असर वहां दशकों से रह रहे रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों के जीवन पर पड़ेगा।

    रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यह परियोजना सिर्फ एक कोचिंग डिपो का निर्माण नहीं, बल्कि टाटानगर के आर्थिक भविष्य में एक बड़ा निवेश है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि शहर को एक आधुनिक महानगरीय केंद्र बनाने में भी मदद मिलेगी।