Tata Workers Union: दोपहिया वाहनों की एंट्री को लेकर टाटा वर्कर्स यूनियन में मचा घमासान, छलका कर्मचारियों का दर्द
Tata Workers Union कोविड 19 महामारी के दौर में कर्मचारियों ने उत्पादन में अविस्मरणीय भूमिका निभाई। लेकिन अब दोपहिया वाहन का परिचालन बाधित होने से वही कर्मचारी व कमेटी मेंबर का अपनी समस्या को लेकर यूनियन कार्यालय पहुंचना भी दूभर हो गया है।
जमशेदपुर, जासं। बिन घरनी, घर भूत का डेरा। इस शीर्षक के साथ एकाउंट विभाग के कमेटी मेंबर ओम प्रकाश शर्मा ने एक लेख टाटा वर्कर्स यूनियन के वाट्सएप ग्रुप में डाला है। जिसके बाद यूनियन में घमासान मच गया है। टाटा स्टील प्रबंधन ने प्लांट के अंदर दोपहिया वाहनों के परिचालन पर पाबंदी लगा दी है। दोपहिया व भारी वाहनों के लिए अलग-अलग समय तय किया गया है। जिसके बाद से कर्मचारियों से लेकर कमेटी मेंबर तक में काफी नाराजगी है।
यूनियन में पसरा है सन्नाटा
ओमप्रकाश ने लिखा है कि कोविड 19 महामारी के दौर में कर्मचारियों ने उत्पादन में अविस्मरणीय भूमिका निभाई। लेकिन अब दोपहिया वाहन का परिचालन बाधित होने से वही कर्मचारी व कमेटी मेंबर का अपनी समस्या को लेकर यूनियन कार्यालय पहुंचना भी दूभर हो गया है। दुखद है कि कमेटी मेंबर व पदाधिकारियों से भरा-पूरा रहने वाला यूनियन आज सन्नाटे के दौर से गुजर रहा है। पूरे मामले में यूनियन अध्यक्ष का कहना है कि यह यूनियन का आंतरिक मामला है। यूनियन अपने कर्मचारी व कमेटी मेंबर के हित में संज्ञान लेगी।
यूनियन अधिकारी खुद तय करें, आराम करना है या ड्यूटी
ओमप्रकाश ने अपने लेख में लिखा है कि जब कर्मचारी व कमेटी मेंबर यूनियन कार्यालय नहीं आ सकते। ड्यूटी खत्म करने के बाद सभी यूनियन कार्यालय पहुंचेंगे। ऐसे में यूनियन के 11 आफिस बियरर को कार्यालय में दिन भर रहने का कोई मतलब नहीं है। अब ये यूनियन नेतृत्व के विवेक पर निर्भर करता है कि वे या तो दिन भर आराम करें या अपने निर्देशित कार्यस्थल पर रहें। शाम के समय यूनियन कार्यालय आएं। इससे एक फायदा होगा कि निर्देशित कार्यस्थल पर रहने से यूनियन के पदाधिकारियों को अपने कर्मचारियों और कमेटी मेंबरों को होने वाली तकलीफ का अंदाजा भी लगता रहेगा। तभी हर शाम वे संबधित समस्या के समाधान के लिए गंभीरता से उपाय करेंगे।
अधिकतर कमेटी मेंबरों ने दी प्रतिक्रिया
वाट्सएप ग्रुप में इस लेख के आते ही कई कमेटी मेंबरों का दर्द झलका। सभी ने इस लेख की सराहना की है। ब्लास्ट फर्नेस इलेक्ट्रिक के कुंदन सिन्हा ने लिखा है कि दोपहिया मामला कैंसर बनने से पहले यूनियन नेतृत्व को संज्ञान लेते हुए उचित कदम उठाना चाहिए। इसके अलावा इंजीनियरिंग सर्विसेज के विजेंद्र कुमार सिंह, फील्ड मेंटेनेंस इलेक्ट्रिक से श्याम सुंदर गोप व सुमन पांडेय, सीआरएम से सूरज कुमार, कोक प्लांट से विवेक सिंह, एलडी-1 से निरंजन महापात्रा, एमएसजी मैकेनिकल से राजेश, एलडी-3 से सबसे ज्यादा विकास दास, प्रदीप पाठक, वंशीधर महतो, शशिकांत बेहरा सहित अन्य ने अपनी प्रतक्रिया दी है।