डिजिटल लेन-देन के लिए टाटा टेली सर्विसेज कर रही है यह पहल, Online Transaction की दुनिया में आएगी क्रांति
दुनिया डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ चुकी है। इस दौर में टाटा टेली सर्विसेज पीछे छूटना नहीं चाहती। इसके लिए रतन टाटा की इस कंपनी ने अभी से ही तैयारियां शुर ...और पढ़ें

जमशेदपुर : भारतीय वित्तीय क्षेत्र में 90 के दशक में डिजिटल युग की शुरूआत हुई है। जो देश के बैंकिंग सेक्टर में ऑटोमेटेड टेलर मशीन (एटीएम) और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (ईएफटी) की शुरुआत हुई। इसके बाद बैंकिंग क्षेत्र में ही नेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स फंड ट्रांसफर (एनईएफटी), इमिडिएट पेमेंट सर्विसेज (आईएमपीएस), रियल टाइम ग्रॉस सैटेलमेंट (आरटीजीएस) जैसी सेवाओं की शुरूआत हुई।
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने यूपीआई, आईएमपीएस और भारत बिल पे जैसी कई सफल पहल शुरू की हैं। भारत के बैंकिंग और वित्तीय सेवा क्षेत्र को सही मायने में डिजिटल बनाने के लिए ये पहल किए गए।
वर्तमान समय में जब इंटरनेट और मोबाइल की बढ़ती पहुंच और कम लागत वाली डेटा स्कीम बाजार में उपलब्ध हैं जिसकी मदद से डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा दिया है। इसलिए जब देश में कोविड 19 महामारी के लॉकडाउन लगा तो संक्रमण से बचने के लिए सभी ने डिजिटल फर्स्ट को बढ़ावा दिया।
बैंकिंग सेक्टर के लिए टाटा टेली सर्विसेज कर रही है यह पहल

आपको बता दें कि टाटा समूह की कंपनी टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड बैंकिंग सेक्टर में नई क्रांति के लिए काम कर रही है। जिसके तहत किसी भी उपकरण के माध्यम से कभी भी और कहीं से भी अपना फंड किसी को भी ट्रांसफर कर सकते हैं। इसमें ग्राहकों के डेटा को सुरक्षित रखने की प्राथमिकता रहेगी।
इसके अलावा किसी भी समय पैसे अपने खाते में जमा करने सहित अन्य सुविधाएं भी ग्राहकों को मिलेंगी। फिलहाल कई बैंकों के बाहर एटीएम काउंटर में ही कियोस्कर मशीन लगे हुए हैं जहां ग्राहकों को पैसे डालने की सुविधा मिलती है लेकिन इसके लिए ग्राहकों को संबधित बैंक तक जाना होता है लेकिन नई व्यवस्था उनके पास होगी।
छह साल में 164 मिलियन डॉलर होगा व्यापार

हालिया मार्केट रिपोर्ट के अनुसार बीएफएसआई उद्योग में वैश्विक डिजिटल परिवर्तन की मदद से वर्ष 2019 में 52.44 बिलियन डॉलर का उत्पादन किया। जबकि वर्ष 2027 में यह बढ़कर 164.08 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। इस अनुपात से छह सालों में 15.4 प्रतिशत व्यापार बढ़ेगा।
इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति करने वाली भारतीय फिनटेक और डिजिटल भुगतान कंपनियां हैं जो उन्नत तकनीकों का लाभ उठाकर और नए बिजनेस मॉडल को लागू कर ग्राहकों को नए-नए अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।
हम विकसित कर रहे हैं अत्याधुनिक तकनीक

टाटा टेली सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सह मार्केटिंग हेड विशाल रैली का का कहना है कि हम बैंकों और वित्तीय सेवा वाली कंपनियों के लिए रोबाटिक प्रोसे ऑटोमेशन (आरपीए) सिस्टम पर काम कर रहे हैं जो साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाते हुए क्लाउड तकनीकों को आधुनिक रूप से विकसित करने का काम करेगा। इससे हमारे सभी चैनल बुनियादी ढ़ंग से डिजिटल ढ़ांचे को विकसित कर ग्राहकों को बेहतर सेवा देगी। इस सिस्टम के तहत हम ग्राहकों का सुझाव लेने के लिए मोबाइल फर्स्ट व्यू लेने का भी काम करेंगे ताकि टेक्नोलाॅजी को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके।
टीटीबीएस देगी कई तरह की सुविधा

आपको बता दें कि टाटा टेली बिजनेस सर्विसेज की ओर से डेटा सेवाओं का एक पोर्टफोलियों है जो निर्बाध रूप से स्केलेबल, विश्वसनीय और एकीकृत कनेक्टिविटी को समक्ष बनाता है। साथ ही बेहतर प्रदर्शन करते हुए निर्बाध कनेक्टिविटी के लिए इंटरनेट लीज्ड लाइन (आईएलएल) को बेहतर बनाता है।
साथ ही स्मार्ट ऑफिस, ग्राहकों की डेटा, आवाज और एप्लिकेशन की जरूरतों को पूरा करने वाला एक किफायती और उपयोग में आसान सिंगल बॉक्स सॉल्यूशन है जो हब कनेक्ट, डेटा कनेक्टिविटी को मल्टीपॉइंट करने का एक प्वाइंट है जो कई क्लाउड सेवा प्रदाताओं के साथ स्केलेबल और सुरक्षित कनेक्टिविटी की अनुमति देता है।

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