Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अक्षय ऊर्जा दिवस पर विशेष : नोवामुंडी की धरती पर सूरज की किरणों से रोशन खनन उद्योग

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 05:25 PM (IST)

    टाटा स्टील ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के नोवामुंडी में लौह अयस्क की खदान में भारत का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया है। तीन मेगावाट का प्लांट हरित ऊर्जा के उत्पादन के साथ-साथ सालाना लगभग 3200 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम करने में मदद करता है। यह पहल सतत विकास और पर्यावरण संरक्षण का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

    Hero Image
    पांच करोड़ रुपये की लागत से तैयार प्लांट।

    सुधीर पांडेय, चाईबासा। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की नोवामुंडी आयरन ओर माइन्स अब सिर्फ लौह अयस्क के लिए ही नहीं, बल्कि हरित ऊर्जा के लिए भी जानी जा रही है।

    टाटा स्टील ने यहां देश की पहली ऐसी लौह अयस्क खान विकसित की है, जहां बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2017 में शुरू हुआ यह संयंत्र अब तक खनन उद्योग में सतत विकास का आदर्श बन चुका है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    19 एकड़ में फैला 3 मेगावाट का प्लांट 

    इस संयंत्र की क्षमता 3 मेगावाट है और यह 19 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। टाटा पावर सोलर द्वारा स्थापित इस परियोजना से उत्पादित बिजली का उपयोग टाटा स्टील करती है। इससे खदान और टाउनशिप की ऊर्जा आवश्यकताओं को हरित स्रोत से पूरा करने में मदद मिल रही है।

    3200 टन CO₂ उत्सर्जन में वार्षिक बचत

    इस सौर संयंत्र के संचालन से हर साल लगभग 3200 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी दर्ज की जा रही है। पर्यावरणीय दृष्टि से यह पहल न केवल खनन क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है, बल्कि जलवायु संरक्षण के वैश्विक प्रयासों से भी जुड़ती है।

    तकनीकी विशेषताएं और नवाचार

    संयंत्र से बिजली सीधे कंपनी के सबस्टेशन में भेजी जाती है। वहीं, बिजली आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में यह स्थानीय डीजल जनरेटर (डीजी ) से सिंक्रोनाइज़ होकर लगातार काम करता है। परियोजना में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है और मॉड्यूल की सफाई हेतु पानी का पुनः उपयोग सुनिश्चित किया गया है। पैनलों के नीचे की भूमि पर बागवानी कर हरियाली बढ़ाने और धूल नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

    इस वर्ष पहली बार खदान को मिला सात सितारा रेटिंग

    सतत खनन की दिशा में इस प्रयास को मान्यता भी मिल रही है। भारतीय खनिज ब्यूरो (IBM) ने नोवामुंडी माइन्स को लगातार सात वर्षों से पांच सितारा रेटिंग प्रदान की है। वहीं इस वर्ष नोवामुंडी माइन्स को सात सितारा रेटिंग भी प्राप्त हुई है ।

    खनन उद्योग के लिए संदेश

    नोआमुण्डी का यह सौर संयंत्र खनन गतिविधियों और पर्यावरणीय संरक्षण के बीच संतुलन की मिसाल पेश करता है। टाटा स्टील का यह कदम इस बात का प्रमाण है कि उद्योग और प्रकृति साथ-साथ चल सकते हैं और विकास की राह हरित भी हो सकती है।

    अक्षय ऊर्जा दिवस इसलिए जरूरी

    अक्षय ऊर्जा दिवस (Renewable Energy Day) हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। यह दिवस भारत को एक हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाने के प्रयासों का प्रतीक है। इसे मनाने का उद्देश्य:

    • जागरूकता बढ़ाना: लोगों को अक्षय ऊर्जा के महत्व, उसके उपयोग और विकास के बारे में जागरूक करना।
    • सतत विकास को बढ़ावा देना: अक्षय ऊर्जा के स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत और बायोगैस के उपयोग को प्रोत्साहित करना, जो पर्यावरण के लिए अनुकूल हैं।
    • ऊर्जा संरक्षण: जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला और पेट्रोलियम) पर निर्भरता कम करना, जिससे ऊर्जा संकट और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं का समाधान किया जा सके।

    आज दुनिया में सौर ऊर्जा की महत्ता लगातार बढ़ रही है। इसके उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट के उत्सर्जन तथा जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता कम होती है और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी बिजली पहुंचाना संभव हो पाता है। सौर ऊर्जा का उपयोग न केवल हमारे वर्तमान के लिए, बल्कि उज्ज्वल भविष्य के लिए भी एक आवश्यक कदम है।

    अतुल भटनागर, महाप्रबंधक, ओएमक्यू डिवीजन, टाटा स्टील