Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ग्रीन स्टील की ओर बड़ा कदम: जमशेदपुर में लगेगा हिसार्ना टेक्नोलॉजी आधारित प्लांट, ओडिशा-महाराष्ट्र में हजारों करोड़ का निवेश

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 07:26 PM (IST)

    टाटा स्टील ने भारत में अपने औद्योगिक विस्तार के लिए बड़ा निवेश किया है। जमशेदपुर में हिसार्ना टेक्नोलॉजी आधारित प्लांट लगेगा, जो ग्रीन स्टील की दिशा म ...और पढ़ें

    Hero Image

    फाइल फाेटो।

    जासं, जमशेदपुर। टाटा स्टील ने भारत में अपने औद्योगिक विस्तार को नई दिशा देने के लिए अब तक का सबसे बड़ा निवेश रोडमैप तैयार किया है। कंपनी की बोर्ड बैठक में देशभर के विभिन्न परियोजनाओं में दीर्घकालिक विस्तार योजनाओं को अंतिम स्वीकृति दे दी गई है। 
     
    इससे न केवल लौहनगरी जमशेदपुर में अत्याधुनिक इस्पात प्रौद्योगिकी का नया अध्याय शुरू होगा, बल्कि ओडिशा और महाराष्ट्र में भी कंपनी की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
     

    जमशेदपुर के लिए ऐतिहासिक निर्णय   

    जमशेदपुर के लिए यह निर्णय ऐतिहासिक माना जा रहा है। टाटा स्टील यहां 1 मिलियन टन क्षमता वाला हिसार्ना टेक्नोलॉजी आधारित डेमोन्स्ट्रेशन प्लांट स्थापित करेगी। 
     
    यह तकनीक स्टील निर्माण की दुनिया में क्रांतिकारी मानी जा रही है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें कोक की आवश्यकता नहीं पड़ती और कम ग्रेड के लौह अयस्क से भी उच्च गुणवत्ता का स्टील बनाया जा सकता है। 
     

    नीदरलैंड्स में सफल टेस्टिंग के बाद भारत में लागू  

    इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिसे ग्रीन स्टील की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। नीदरलैंड्स में इसकी सफल टेस्टिंग के बाद इसे भारत में लागू किया जा रहा है। 
     
    इसके साथ कंपनी ने ओडिशा को लेकर भी कई बड़े फैसले किए हैं। बोर्ड ने नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) के विस्तार को मंजूरी दे दी है। 
     

    स्टील बाजार में टाटा स्टील की स्थिति होगी मजबूत  

    पहले चरण में इसकी क्षमता को बढ़ाकर 4.8 मिलियन टन प्रति वर्ष किया जाएगा। यह कदम कंस्ट्रक्शन और स्ट्रक्चरल स्टील के बाजार में टाटा स्टील की स्थिति को और मजबूत करेगा। 
     
    इसके अतिरिक्त ओडिशा के मेरामंडली प्लांट में 2.5 मिलियन टन क्षमता की थिन स्लैब कास्टर मशीन लगाने के लिए फंड जारी किया गया है। यह मशीन अत्यंत पतली स्टील शीट तैयार करेगी, जिसकी मांग घरेलू तथा वैश्विक बाजार में लगातार बढ़ रही है।  
     

    नई और आधुनिक उत्पादन लाइन की स्‍थापना  

    पश्चिमी भारत में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए टाटा स्टील ने महाराष्ट्र में भी बड़े निवेश की घोषणा की है। कंपनी तारापुर स्थित कोल्ड रोलिंग कॉम्प्लेक्स में एक नई और आधुनिक उत्पादन लाइन स्थापित करेगी। 
     
    यह लाइन विशेष रूप से ऑटोमोबाइल सेक्टर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएगी। अब तक वाहनों के लिए उपयोग होने वाला विशेष स्टील विदेशों से आयात करना पड़ता था, लेकिन इस परियोजना से यह आवश्यकता काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।
     
     

    त्रिवेणी पेलेट्स में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी की मंजूरी  

    साथ ही, कंपनी ने लॉयड्स मेटल्स के साथ महत्वपूर्ण समझौता किया है, जिसके तहत महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में लौह अयस्क खनन और भविष्य में 6 मिलियन टन क्षमता वाले नए स्टील प्लांट की संभावनाओं का अध्ययन किया जाएगा। कच्चे माल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बोर्ड ने त्रिवेणी पेलेट्स प्राइवेट लिमिटेड में 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है। 
     
    इससे कंपनी को ओडिशा स्थित एक पेलेट प्लांट और पाइपलाइन पर नियंत्रण मिलेगा। टाटा स्टील के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी का फोकस सिर्फ उत्पादन बढ़ाने पर नहीं, बल्कि मुनाफे, पर्यावरण संरक्षण और वैल्यू एडेड उत्पाद बनाने पर है। इन नई परियोजनाओं से कंपनी की देशभर में उपस्थिति और भी मजबूत होगी और भारत में उच्च तकनीक आधारित स्टील उत्पादन को नई दिशा मिलेगी।
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें