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    Incab की 177 एकड़ जमीन पर Tata steel की नजर, लीज खत्म होने के बाद बढ़ी कानूनी जंग, NCLT से हाईकोर्ट तक उलझा विवाद

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 11:21 PM (IST)

    जमशेदपुर में, टाटा लीज नवीकरण के बीच इंकैब इंडस्ट्रीज की 177.07 एकड़ जमीन चर्चा में है। टाटा स्टील इस जमीन को अपने प्लांट विस्तार के लिए वापस लेना चाह ...और पढ़ें

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    फाइल फोटो।

    जासं, जमशेदपुर । टाटा लीज नवीकरण की प्रक्रिया में इस समय सबसे अधिक चर्चा का विषय बनी हुई है बंद पड़ी इंकैब इंडस्ट्रीज (इंडियन केबल कंपनी) की 177.07 एकड़ की बहुमूल्य जमीन। यह विवाद न केवल टाटा स्टील के भविष्य के विस्तार से जुड़ा है बल्कि इंकैब के हजारों पूर्व कर्मचारियों की वर्षों से लंबित मजदूरी और बकाया भुगतान की उम्मीदों पर भी सीधे असर डालता है। 
     
    इंकैब को टाटा लीज क्षेत्र में जो सब-लीज मिली थी, उसकी अवधि वर्ष 2019 में ही समाप्त हो चुकी है। इसके बाद से टाटा स्टील इस विशाल भूखंड को अपने प्लांट विस्तार के लिए वापस लेने के प्रयास में है। 
     

    इंकैब की सब-लीज को रिन्यू नहीं करेगी 

    कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इंकैब की सब-लीज को रिन्यू नहीं करेगी। क्योंकि यह जमीन उसकी आगामी औद्योगिक परियोजनाओं के लिए अहम है। 
     
    दूसरी ओर, इंकैब के मजदूर अपने पीएफ, ग्रेच्युटी, बकाया वेतन और पुनर्जीवन की उम्मीदों के साथ वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। मजदूर संगठन का तर्क है कि या तो कंपनी को फिर से चालू किया जाए या जमीन की संपत्ति का उपयोग मजदूरों के बकाए चुकाने में किया जाए। 
     
    इस विवाद ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन एनसीएलटी ने जमीन के मालिकाना हक को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए इसे ‘सार्वजनिक कानून’ का मुद्दा करार दिया।


    कैग की रिपोर्ट ने बढ़ाई संवेदनशीलता 

    इस विवाद में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ने नए सवाल खड़े कर दिए हैं। रिपोर्ट में टाटा लीज क्षेत्र की कई जमीनों के हस्तांतरण में हुई अनियमितताओं और राज्य सरकार को हुए संभावित राजस्व नुकसान पर टिप्पणी की गई है। 
     
    इससे मामला और अधिक संवेदनशील बन गया है। वर्तमान में यह पूरा मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है। आरआर काबेल्स और पेगासस एसेट्स रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ने टाटा स्टील के कदमों पर आपत्ति जताई है, बावजूद इसके टाटा स्टील इंकैब की जमीन वापसी और अधिग्रहण के करीब दिख रहा है। 

    यदि यह जमीन टाटा स्टील को वापस मिल जाती है, तो जमशेदपुर के औद्योगिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव संभव है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इंकैब के उन मजदूरों और कर्मचारियों के बकाए का समाधान कैसे होगा, जिन्होंने दशकों तक इस कंपनी को अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा समर्पित किया है।


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