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भूषण पावर एंड स्टील के लिए टाटा स्टील व जिंदल आमने-सामने

टाटा स्टील ने बीपीएसएल के लिए भी बोली लगाई है, लेकिन अभी यह तस्वीर साफ नहीं हुई है कि बोली किसके पक्ष में जाएगी।

By Edited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 01:35 AM (IST)Updated: Fri, 19 Oct 2018 12:56 PM (IST)
भूषण पावर एंड स्टील के लिए टाटा स्टील व जिंदल आमने-सामने
भूषण पावर एंड स्टील के लिए टाटा स्टील व जिंदल आमने-सामने

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। भूषण स्टील लिमिटेड का अधिग्रहण कर चुकी टाटा स्टील के लिए भूषण पावर एंड स्टील (बीपीएसएल) कंपनी को लेने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। टाटा स्टील ने बीपीएसएल के लिए भी बोली लगाई है, लेकिन अभी यह तस्वीर साफ नहीं हुई है कि बोली किसके पक्ष में जाएगी। बीपीएसएल को खरीदने में टाटा स्टील, जिंदल स्टील व‌र्क्स (जेएसडब्ल्यू) और ब्रिटेन की लिबर्टी हाउस की भी दिलचस्पी है। इस कंपनी के दो तिहाई से अधिक ऋणदाता (लेंडर्स) ने कंपनी को खरीदने के लिए जेएसडब्ल्यू के नए ऑफर का समर्थन किया है।

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लेंडर्स में से लगभग 90 फीसद ने जेएसडब्ल्यू की बिड के पक्ष में वोट दिया है। इसमें दिवालिया घोषित हो चुकी कंपनी पर बैंकों के लोन की बकाया रकम के बदले 19,300 करोड़ रुपये एकमुश्त चुकाने की पेशकश की गई है। जेएसडब्ल्यू ने शुरुआत में बीपीएसएल के लिए केवल 11,500 करोड़ रुपये का ऑफर दिया था। टाटा स्टील ने 17,000 करोड़ रुपये की बिड देकर जेएसडब्ल्यू को पीछे छोड़ दिया था। टाटा स्टील के ऑफर से बेहतर पेशकश लिबर्टी हाउस ने फरवरी में 18,500 करोड़ रुपये की बिड के साथ की थी। लिबर्टी हाउस ने डेडलाइन बीत जाने के बाद बिड दी थी और इस वजह से टाटा स्टील ने उसे नीलामी में शामिल होने से रोकने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई थी। जेएसडब्ल्यू ने 13 अगस्त को नया ऑफर देकर दो अन्य दावेदारों को हैरान कर दिया था।

जेएसडब्ल्यू ने अपना ऑफर बढ़ाने के पीछे बीपीएसएल के बिजनेस और वित्तीय प्रदर्शन में बड़े सुधार का कारण बताया था। इस संबंध में जेएसडब्ल्यू व टाटा स्टील प्रबंधन ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। एक बैंकर ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि बिड में पिछले 15 महीनों में कंपनी के बिजनेस में सुधार से बढ़ी वैल्यू को ध्यान में रखा गया है। बीपीएसएल के प्रमोटर संजय सिंघल को बैंकों की 47,000 करोड़ रुपये की बकाया रकम पर डिफॉल्ट करने के बाद कंपनी को पिछले वर्ष जून में बैंकरप्सी कोर्ट में खींचा गया था। बीपीएसएल की प्रोडक्शन कैपेसिटी सालाना 31 लाख टन की है और इसके प्लाट लगभग 90 फीसद क्षमता पर चल रहे हैं।

पिछले पाच तिमाही से इसका राजस्व तिमाही दर तिमाही बढ़ रहा है। कंपनी ने ऑपरेशनल क्रेडिटर्स की लगभग 400 करोड़ रुपये की बकाया रकम चुका दी है और कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी कर दिया है। कंपनी के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल महेंद्र खंडेलवाल लेंडर्स की वोटिंग का परिणाम नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में पेश करेंगे, जो टाटा स्टील की अपील पर सुनवाई कर रही है। इस पर 22 अक्टूबर को एनसीएलटी में सुनवाई होने वाली है, जिसमें वोटिंग के आधार पर फैसला देने की बात कही गई है। टाटा स्टील अपनी बिड की वैधता तय कराने में जुटी है। बिड देने की 8 फरवरी की पहली डेडलाइन तक टाटा स्टील का ऑफर सबसे अधिक था।

संबलपुर के पास 3.5 एमटी का प्लांट
भूषण पावर एंड स्टील का प्लांट संबलपुर (ओडिशा) है, जो पूर्ण रूप से समेकित इकाई है। लांग प्रोडक्ट वाली कंपनी की उत्पादन क्षमता 3.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष है। इसकी अन्य इकाई चंडीगढ़ और कोलकाता में है। कंपनी की शुरुआत 1970 में चंडीगढ़ से बहुत छोटे पैमाने पर हुई थी, जिसमें दरवाजे के कब्जे और बाद में रेल ट्रैक के नट-बोल्ट आदि का उत्पादन होता था। 1973 में चंडीगढ़ में स्टील व वायर रॉड का उत्पादन शुरू हुआ।


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