टाटा मोटर्स में ब्लॉक-क्लोजर से अस्थायी कर्मचारियों की हालत खराब, परिवार चलाना हो रहा मुश्किल
टेल्को मजदूर यूनियन ने कहा है कि टाटा मोटर्स में लगातार ब्लॉक-क्लोजर हो रहा है। इसकी वजह से स्थायी कर्मियों का अवकाश समाप्त हो रहा है तो अस्थायी को काम से बैठा दिया जाता है। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है।

जमशेदपुर, जासं। टेल्को मज़दूर यूनियन की बैठक एस विश्वकर्मा की अध्यक्षता में गोविंदपुर स्थित यूनियन कार्यालय में हुई। इसमें केंद्र सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए टाटा मोटर्स में हो रहे बलॉक-क्लोजर पर चिंता जताई गई। कहा गया कि श्रम कानून की विसंगतियों की वजह से ही मजदूरों की स्थिति आए दिन बिगड़ती जा रही है।
बताया गया कि टाटा मोटर्स में लगातार ब्लॉक-क्लोजर हो रहा है। इसकी वजह से स्थायी कर्मियों का अवकाश समाप्त हो रहा है तो अस्थायी को काम से बैठा दिया जाता है। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। बैठक में सर्वप्रथम कोरोना काल में मृत कर्मचारियों के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। उनको नमन किया गया। उसके बाद टाटा मोटर्स प्रबंधन द्वारा पिछलेे जनवरी महीने से किए जा रहे ब्लॉक-क्लोजर पर चर्चा की गई। उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा 44 श्रम कानूनों को चार कोड में समाहित कर लागू करने के सवाल पर संघर्ष के लिए एक रणनीति बनाई गई। जिसमें 200 ठेका मजदूरों को जोड़ कर स्थाई एवं अस्थाई मजदूरों के लिए संघर्ष करने का निर्णय लिया गया, जिसकी शुरुआत 15 अगस्त से की जाएगी।
इन मुद्रदों पर भी चर्चा
बताया गया कि 12 घंटे की ड्यूटी की पाली करने का निर्णय अंदर ही अंदर औद्योगिक घराने में चल रहा है, जिसको टेल्को मजदूर यूनियन कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। टाटा मोटर्स प्रबंधन सप्ताह में दो दिन की छुट्टी को घोषित कर चार दिनों की कार्य प्रणाली में 12 घंटे की ड्यूटी निर्धारित करने का योजन बना रही है। साथ ही देश के डिफेंस उद्योग को निजी हाथों में देने की तैयारी की निंदा की गई। डिफेंस के मजदूरों को अध्यादेश के जरिए हड़ताल करने की पाबंदी चिंता जताई गई। इस बैठक में टेल्को मजदूर यूनियन के महासचिव अंबुज कुमार ठाकुर, जयशंकर प्रसाद, राजीव कुमार, संजय सिंह के अलावे कई ठेका मजदूर शामिल थे।
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