Tata Motors में बड़ा बदलाव: डीमर्जर से पहले प्रशासनिक फेरबदल, जानिए क्या है वजह
टाटा मोटर्स ने अपने बहुप्रतीक्षित डीमर्जर से पहले प्रशासनिक फेरबदल किया है। जॉब रोटेशन पॉलिसी के तहतरजत सिंह और बीएन सिंह को क्रमशः पंतनगर और लखनऊ भेजा गया है। यह बदलाव 1 अक्टूबर से पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल कारोबार को अलग करने की तैयारी का हिस्सा है। इस कदम से दोनों नई कंपनियों के लिए मजबूत प्रशासनिक ढांचा तैयार होगा।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा मोटर्स ने अपने बहुप्रतीक्षित डीमर्जर को अंतिम रूप देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। कंपनी ने शीर्ष स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किया है, जिसके तहत दो वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह कदम कंपनी की जॉब रोटेशन पॉलिसी का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अधिकारियों की नेतृत्व क्षमता को निखारना और उन्हें संगठन के भीतर विभिन्न कार्यों का अनुभव देना है।
प्रमुख तबादले और उनका महत्व
- रजत सिंह: जो पहले डीजीएम टाउन एडमिन थे, अब पंतनगर प्लांट में नई भूमिका निभाएंगे।
- बीएन सिंह: जो हेड एडमिन एंड सिक्योरिटी थे, अब लखनऊ प्लांट में अपना कार्यभार संभालेंगे।
ये तबादले ऐसे समय में हुए हैं जब टाटा मोटर्स अपने कारोबार के पुनर्गठन के अंतिम चरण में है। कंपनी की योजना के अनुसार, 1 अक्टूबर से इसके कमर्शियल व्हीकल (CV) और पैसेंजर व्हीकल (PV) कारोबार दो अलग और स्वतंत्र कंपनियों के रूप में काम करना शुरू कर देंगे। यह फेरबदल इसी बड़े रणनीतिक बदलाव का हिस्सा माना जा रहा है।
डीमर्जर का असर और भविष्य की योजना
इस डीमर्जर के बाद दोनों नई कंपनियों की अपनी-अपनी अलग मैनेजमेंट टीम होगी, जिससे रिपोर्टिंग संरचना और जिम्मेदारियों में भी बदलाव आएगा। यह कदम दोनों कंपनियों के लिए एक मजबूत और स्वतंत्र प्रशासनिक ढांचा तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। रजत सिंह और बीएन सिंह का स्थानांतरण इसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य जमीनी स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाना है।
इस विभाजन से निवेशकों को भी लाभ मिलेगा, क्योंकि वे अब अलग-अलग कंपनियों में सीधे निवेश कर पाएंगे। यह उम्मीद की जा रही है कि इससे दोनों कंपनियों के शेयर वैल्यू में वृद्धि होगी और वे अपने-अपने सेगमेंट में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगी।
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