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कर्ज में डूबी टाटा मोटर्स ने बांड के जरिए जुटाए 3105 करोड़ रुपये, स्थिति में सुधार की उम्मीद

पिछले कुछ वर्षों से घाटे में चल रही टाटा मोटर्स ने बड़ा कदम उठाया है। कंपनी को कर्जमुक्त करने के लिए प्रबंधन ने 3105 करोड़ असुरक्षित बांड जारी किया है। इंग्लैंड सहित यूरोप के कई देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को देखते हुए ऐसा किया गया है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 10:05 AM (IST)
कर्ज में डूबी टाटा मोटर्स ने बांड के जरिए जुटाए 3105 करोड़ रुपये

जमशेदपुर : देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स भविष्य को लेकर बड़ी तैयारी कर रही है। कंपनी अपनी योजनाओं को अंतिम रूप देने और जगुआर लैंड रोवर के कुछ मौजूद ऋण को पुनर्वित करते हुए असुरक्षित बांड जारी करके 425 मिलियन डालर यानि 3105 करोड़ रुपये जुटाएं है।

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आपको बता दें कि पिछले दिनों ही कंपनी की बोर्ड मीटिंग द्वारा टाटा मोटर्स लिमिटेड प्राइवेट कंपनी के लिए धन एकत्रित करने पर चर्चा थी। कंपनी इस राशि का उपयोग कई कॉरपोरेट खर्चो सहित सिंडिकेट ऋण सुविधा को पुनर्वित्त करने का इस्तेमाल करेगी। इसके लिए कंपनी ने 4.35 प्रतिशत की दर से उधार ले रही है। यह राशि 9 जून 2021 से 9 जून 2026 तक के लिए होगा। टाटा मोटर्स कंपनी प्रबंधन ने इसकी सूचना बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भी दे दी है। कंपनी सेकेट्री द्वारा भेजे गए इस पत्र में बताया गया है कि टाटा मोटर्स लिमिटेड होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड जगुआर लैंड रोवर ऑटोमोटिव, टाटा डेवू कोरिया और टाटा मोटर्स की दूसरी अंतराष्ट्रीय ऑपरेशन की होल्डिंग कंपनी है। ऐसे में कंपनी अपनी राशि में से 225 मिलियन डॉलर का इस्तेमाल सामान्य कॉरपोरेट खर्चों पर इस्तेमाल करेगी।

स्टैंडर्ड एंड पूअर्स रेटिंग सर्विस ने टाटा मोटर्स को दी है बी रैंकिंग

आपको बता दें कि टाटा मोटर्स को एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स रेटिंग सर्विस द्वारा बी रैकिंग दी है। ऐसे में कंपनी अपने खर्चों को चुकता करने की तैयारी कर रही है ताकि उसके रेटिंग में सुधार हो। टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पिछले साल टाटा मोटर्स की वार्षिक आम बैठक में कहा था कि ऑटोमेकर कंपनी तीन साल में अपने शुद्ध कर्ज से मुक्त होकर मुनाफा देने वाली कंपनी बन जाएगी। हम नई तकनीक और प्रोडक्ट पर निवेश करेंगे।

इंग्लैंड में बढ़ रही इको फ्रेंडली वाहनों की मांग

आपको बता दें कि टाटा मोटर्स और उसकी यूके इकाई में इको फ्रेंडली वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कंपनी भी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों में भारी निवेश कर रही है। इसी साल जगुआर लैंड रोवर ने अपनी नई वैश्विक योजना के तहत री-इमरजिन की घोषणा की है। जिसमें फर्म 2025 तक अपनी सभी कार को इलेक्ट्रिकल लग्जरी कार में रिप्लेस व री-डिजाइन करेगी।

लक्जरी इलेक्ट्रिक स्पोर्ट यूटिलिटी के रूप में जगुआर

इस रणनीति के तहत जगुआर लैंड रोवर वैश्विक स्तर पर लक्जरी इलेक्ट्रिक स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों के निर्माता के रूप में भी विकसित होगा। 2030 तक जेएलआर की वार्षिक बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहन 60 प्रतिशत होंगे और फर्म 2036 तक पारंपिरक इंजन वाले वाहनों की बिक्री पर रोक लगाने की तैयारी करेगी। जो वर्ष 2039 तक शुद्ध शून्य कार्बन व्यवसाय बनने वाली कंपनी के रूप में खुद को स्थापित करेगा। इसके लिए फर्म ने भी गंभीरता से अपनी उत्पादन लागत में कटौती करने पर काम कर रही है। पिछले दो वर्षों में कंपनी के कैश फ्लो में


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