Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अलग कंपनी बनने के बाद TATA MOTOR (सीवी) को पहला झटका, 867 करोड़ का घाटा; आमदनी छह प्रतिशत बढ़ी

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 09:42 PM (IST)

    Hero Image

    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। अलग इकाई के रूप में बाजार में उतरने के बाद टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल (सीवी) कारोबार ने अपने पहले तिमाही नतीजों की घोषणा की है। सितंबर 2025 में समाप्त दूसरी तिमाही में कंपनी की आमदनी में वृद्धि तो हुई, लेकिन एक बड़े निवेश मूल्यांकन के कारण कंपनी को 867 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज करना पड़ा। 
     
    पिछले वर्ष इसी अवधि में कंपनी ने 498 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। गुरुवार को जारी वित्तीय परिणामों के अनुसार, कंपनी का राजस्व छह प्रतिशत बढ़कर 18,585 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 17,535 करोड़ रुपये था। 
     
    आमदनी में यह बढ़ोतरी कंपनी के उत्पादों की बेहतर बिक्री और बाजार में मजबूत मांग के कारण हुई है। हालांकि, वित्तीय परिणामों में नुकसान की मुख्य वजह परिचालन नहीं, बल्कि निवेश मूल्यांकन का प्रभाव रहा। 
     

    जानिए क्यों हुआ घाटा? 

    कंपनी ने बताया कि यह घाटा मुख्य रूप से टाटा कैपिटल में किए गए निवेश के मूल्यांकन से जुड़ा है। हाल ही में टाटा कैपिटल के शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद, टाटा मोटर्स (सीवी) ने अपने निवेश का मार्क-टू-मार्केट मूल्यांकन किया। 
     
    इस प्रक्रिया में कंपनी को लगभग 2000 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज करना पड़ा। यह नुकसान वास्तविक नकद प्रवाह का नहीं, बल्कि बाजार मूल्य में गिरावट के कारण कागजी घाटा है। इस समायोजन के चलते कंपनी का लाभांश घाटे में बदल गया।


    मुख्य कारोबार बना मजबूत 

    टाटा मोटर्स (सीवी) का मुख्य व्यवसाय यानी वाहन निर्माण और बिक्री का प्रदर्शन मजबूत रहा। कंपनी का परिचालन मुनाफा मार्जिन (EBITDA Margin) 1.50 प्रतिशत बढ़कर 12.2 प्रतिशत पर पहुंच गया। 
     
    इससे स्पष्ट है कि उत्पादन और बिक्री के मोर्चे पर कंपनी की दक्षता में सुधार हुआ है। कंपनी का कैश फ्लो भी 2,200 करोड़ रुपये पर स्थिर बना हुआ है, जबकि 30 सितंबर 2025 तक घरेलू कारोबार पर शुद्ध कर्ज 600 करोड़ रुपये था। 
     
     

    पुनर्गठन के बाद पहला परिणाम 

    यह पहली बार है जब टाटा मोटर्स (सीवी) ने अलग इकाई के रूप में अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। पहले टाटा मोटर्स एक संयुक्त कंपनी के रूप में काम कर रही थी, जिसमें पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल दोनों कारोबार शामिल थे। 
     
    बाद में कंपनी ने अपने व्यावसायिक और यात्री वाहन खंड को अलग कर दिया, ताकि दोनों इकाइयों को स्वतंत्र रूप से बढ़ने का अवसर मिल सके। विश्लेषकों का मानना है कि टाटा मोटर्स (सीवी) का मूल कारोबार मजबूत स्थिति में है और आने वाले तिमाहियों में परिचालन लाभ में और सुधार देखने को मिल सकता है। 
     
    निवेश मूल्यांकन से हुआ नुकसान एक अस्थायी प्रभाव माना जा रहा है। कंपनी के लिए यह महत्वपूर्ण परीक्षा थी, जिसमें मुख्य व्यवसाय ने स्थिर प्रदर्शन कर निवेशकों का भरोसा बनाए रखा है।
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें