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    टाटा-मणिपाल मेडिकल कॉलेज में 25 सीट झारखंड के लिए आरक्षित

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 20 Oct 2020 08:58 PM (IST)

    नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) में सफल हुए झारखंड के युवाओं के ि ...और पढ़ें

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    टाटा-मणिपाल मेडिकल कॉलेज में 25 सीट झारखंड के लिए आरक्षित

    निर्मल, जमशेदपुर : नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) में सफल हुए झारखंड के युवाओं के लिए खुशखबरी है। जमशेदपुर में खुलने जा रहे टाटा-मणिपाल मेडिकल कॉलेज की 150 में 25 सीटें झारखंड के युवाओं के लिए आरक्षित होंगी। कॉलेज में इसी सत्र से दाखिला भी शुरू होगा।

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    टाटा स्टील और मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचइ) के संयुक्त प्रयास से शहर के बारीडीह में मेडिकल कॉलेज खुल रहा है। 125 सीटें नीट के जरिए भरी जाएंगी। जबकि 25 सीटों पर नीट पास करने वालों को दाखिला दिया जाएगा। दाखिला लेने वाले स्थानीय युवाओं को कॉलेज द्वारा तय फीस ही चुकानी होगी। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो यह कॉलेज सेंट्रल डीम्ड यूनिवर्सिटी के तहत स्वतंत्र एजेंसियां खोल रही हैं। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार से कोई सहयोग नहीं मांगा है। ना ही सरकार ने इन्हें कोई आमंत्रण दिया है। ऐसे में आरक्षित सीटों पर दाखिला पाने वाले छात्रों को कॉलेज द्वारा तय फीस देनी होगी। दूसरे राज्यों में स्थानीय युवाओं को दाखिले में आरक्षण सहित फीस में भी छूट मिलती है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बैचलर्स ऑफ मेडिसीन एंड बैचलर्स ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) के प्रति सेमेस्टर औसतन 25 लाख और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए एक से तीन करोड़ रुपये फीस देनी पड़ती है। जबकि कनार्टक में स्थानीय युवाओं को एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए मात्र एक से तीन लाख रुपये ही चुकाने पड़ते हैं।

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    दाखिले से पहले फीस कटौती का हो अनुपालन

    नीट परीक्षा पास करने वाले एक छात्र के पिता एके गुप्ता का कहना है कि नौ दिसंबर 2019 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षव‌र्द्धन ने नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को प्राइवेट व डीम्ड यूनिवर्सिटी में नए सत्र से फीस स्ट्रक्चर में कटौती करने को कहा था। इसमें उन्होंने बोर्ड ऑफ गर्वेनेंस (बीओजी) को स्नातक स्तर की पढ़ाई की फीस में 50 से 70 प्रतिशत और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की पढ़ाई में 70 से 90 प्रतिशत कटौती की जिम्मेदारी दी थी। हमें उम्मीद है कि नए सत्र से कम फीस स्ट्रक्चर का प्रस्ताव आएगा, ताकि मध्यम वर्ग के बच्चे भी एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकें।

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    कोट

    मणिपाल-टाटा मेडिकल कॉलेज सेंट्रल डीम्ड यूनिवर्सिटी है, जिसने झारखंड में कॉलेज खोलने के लिए किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया है। बावजूद हमने कॉलेज प्रबंधन से स्थानीय युवाओं के लिए 25 सीट आरक्षित करने को कहा था। इसे स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन ऐसे छात्रों को कॉलेज द्वारा तय फीस देनी होगी।

    - नीतिन मदन कुलकर्णी, स्वास्थ्य सचिव, झारखंड सरकार

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    राज्यवार एमबीबीएस के लिए स्थानीय व बाहरी के लिए कितनी फीस

    कनार्टक : कस्तूरबा मेमोरियल कॉलेज मैंगलोर

    स्थानीय : 97 हजार रुपये वार्षिक

    बाहरी : 14.10 लाख रुपये वार्षिक

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    फादर मूलर मेडिकल कॉलेज, कर्नाटक

    स्थानीय : लगभग 80 हजार रुपये वार्षिक

    बाहरी : 6.85 लाख रुपये वार्षिक

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    केपीसी मेडिकल कॉलेज पश्चिम बंगाल

    स्थानीय : 1.35 लाख रुपये प्रति सेमेस्टर

    बाहरी : 42 लाख रुपये एकमुश्त

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    जगन्नाथ गुप्ता मेडिकल कॉलेज, कोलकाता

    स्थानीय : 2.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष

    बाहरी : 7.50 लाख रुपये प्रति समेस्टर

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    आरडी मेडिकल कॉलेज उज्जैन

    स्थानीय : 2.25 लाख रुपये वार्षिक

    बाहरी : 8.37 लाख रुपये वार्षिक