Tata Football Academy : टाटा फुटबाल अकादमी का हाल बेहाल, खिलाड़ी खस्ताहाल
Tata Football Academy पिछले एक दशक में टीएफए के प्रदर्शन में गिरावट आई है। तभी तो कभी इस ऐतिहासिक क्लब से पासआउट खिलाड़ियों को अपने क्लब में शामिल कर ...और पढ़ें

जमशेदपुर : कभी टाटा फुटबाल अकादमी (टीएफए) भारतीय फुटबाल की नर्सरी कहा जाता था, लेकिन आज यह अपनी पुरानी साख बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। पिछले एक दशक में टीएफए के प्रदर्शन में गिरावट आई है। तभी तो कभी इस ऐतिहासिक क्लब से पासआउट खिलाड़ियों को अपने क्लब में शामिल करने के लिए ईस्ट बंगाल व मोहन बागान जैसी क्लबों की लाइन लगी रहती थी।
लेकिन आज स्थिति उलट है। जमशेदपुर एफसी की रिजर्व टीम में सिर्फ पांच कैडेट को जगह मिली, वहीं मात्र तीन खिलाड़ियों को ही अभी तक बाहर के कल्बों से आफर मिला है। वह भी आइ लीग क्लब से।
चाणक्य चौधरी ने जताई चिंता
जाहिर है, स्थिति चिंताजनक है। टीएफए के 15वें दीक्षा समारोह में टाटा फुटबाल अकादमी बोर्ड आफ मैनेजमेंट के चेयरमैन चाणक्य चौधरी ने भी अपनी इस चिंता को रोक नहीं पाए। कदमा स्थित कुडी महांती प्रेक्षागृह में आयोजित दीक्षा समारोह के दौरान दुख भरे लहजे में कह ही दिया, कभी हमारे अकादमी से पासआउट में कैडेटों को पेशेवर क्लबों से आफर मिलते थे, लेकिन आज यह सिमटकर 'सिंगल डिजिट' में आ गया हैं।
फिर उन्होंने इसके पीछे का तर्क भी दिया। कहा-पहले सिर्फ एक ही फुटबाल अकादमी हुआ करता था, लेकिन आज दर्जन भर से अधिक अकादमियां हैं। चाणक्य चौधरी शायद इस बात को छुपा गए कि आखिर टीएफए का प्रदर्शन में क्यों गिरावट आई है।
148 कैडेटों ने किया है देश का प्रतिनिधित्व
कहने को तो टीएफए से अब तक 252 कैडेटों ने स्नातक किया है, जिनमें 148 ने देश का प्रतिनिधित्व किया। 24 कैडेटों ने विभिन्न आयु वर्ग प्रतियोगिताओं में भारतीय फुटबॉल टीम की कप्तानी की है। इतिहास का ट्रैक रिकार्ड तो अच्छा है, लेकिन जेएफसी छोड़ सिर्फ तीन खिलाड़ियों को आफर मिलना अकादमी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह छोड़ जाता है।
पासआउट करने वाले कैडेटों को दी बधाई
चाणक्य चौधरी ने पासआउट कैडेटों को बधाई देते हुए कहा कि यह दीक्षांत समारोह खेल के अनुशासन के प्रति उनके धैर्य, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। आइएसएल ने पेशेवर फुटबालरों के लिए नए द्वार खोले हैं। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा चार सितारा मान्यता रेटिंग में अपग्रेड किया है।
प्रतिष्ठित क्लब को पहले ही "भारतीय फुटबॉल में निरंतर योगदान" के लिए सम्मानित किया जा चुका है। ग्लोबल सॉकर कॉन्क्लेव द्वारा अपने वर्चुअल इवेंट में भारतीय फुटबॉल में योगदान के लिए टीएफए को "द हॉल ऑफ फेम - यूथ डेवलपमेंट अवार्ड" से भी सम्मानित किया गया है। दीक्षा समारोह में निखिल बारला को बेस्ट जेंटलमैन कैडेट का सम्मान दिया गया। स्नातक बैच में देश भर के 11 राज्यों के 23 कैडेट शामिल थे।
ये हैं पासआउट होने वाले कैडेट
1. निखिल बारला-फारवर्ड
2. एसएन मित्तल-डिफेंडर
3. ऋषि- मिडफील्डर
4. आनंद कुमार-विंगर
5. रोबिन दास-विंगर
6. कोजाम बियोंग-डिफेंडर
7. पीयूष ठाकुरी- विंगर
8. नयन तमांग-डिफेंडर
9. पी विकास सिंह-मिडफील्डर
10. टी शफाबा सिंह-डिफेंडर
11.लालरुआ मावा-फारवर्ड
12. दीपक हांसदा-मिडफील्डर
13. अरमान तमांग-गोलकीपर
14. राज मुखी-फारवर्ड
15. अंकित टोप्नो-डिफेंडर
16. गोपाल हेंब्रम-डिफेंडर
17. मोहित सिंह धामी- गोलकीपर
20. विशाल यादव-गोलकीपर
21. आर्यन सोनोवाल-डिफेंडर
22. अद्वित सिंह- मिडफील्डर
23. के शकील अली-डिफेंडर

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