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    महेंद्र सिंह धौनी के फार्म हाउस से प्रेरणा लेकर करने लगे स्ट्रॉबेरी की खेती, जानिए सुलभ कुमार की कहानी

    जमशेदपुर के प्रगतिशील किसान सुलभ कुमार स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। इसके लिए बकायदा उन्होंने एक विशेषज्ञों की मैनेजमेंट टीम बनायी है। यह टीम मिलकर खेती कर रही हैं जिसका नाम एक एग्रो वेंचर दिया है। सुलभ कुमार खुद एमबीए किए हुए हैं।

    By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Tue, 21 Dec 2021 05:13 PM (IST)
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    झारखंड के जमशेदपुर के प्रगतिशील किसान सुलभ कुमार ।

    मनोज सिंह, जमशेदपुर : झारखंड के जमशेदपुर के प्रगतिशील किसान सुलभ कुमार स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। इसके लिए बकायदा उन्होंने एक विशेषज्ञों की मैनेजमेंट टीम बनायी है। यह टीम मिलकर खेती कर रही हैं जिसका नाम एक एग्रो वेंचर दिया है। सुलभ कुमार खुद एमबीए किए हुए हैं। जबकि इनके साथ टीम में एक्सएलआरआई से शिक्षा लेकर निकले विश्वेश्वर राव शामिल हैं।

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    दोनों ने मिलकर सरायकेला में 20 बीघा जमीन ली जहां डिप इरिगेशन सिस्टम के माध्यम से खेती करना शुरू किया है। सुलभ कुमार ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती करने का प्लान उनके दिमाग में उस समय आया जब वह रांची में  भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के फार्म हाउस गए। धौनी के फार्म हाउस में ही बिरसा कृषि विश्व विद्यालय के वैज्ञानिक कृषि वैज्ञानिक डा. रोशन कुमार स्ट्रॉबेरी की खेती करवा रहे थे। उसी समय उनके मन में आया कि मैं भी स्ट्रॉबेरी की खेती करूंगा, जो इस क्षेत्र के लिए नया होगा। इसके बाद उन्होंने कृषि वैज्ञानिक रोशन कुमार से बातचीत की। उन्होंने स्ट्रॉबेरी की खेती करने में सहयोग करने की बात कही। इसके बाद तो उन्होंने सरायकेला में 8 एकड़ जमीन ली और आनन-फानन में महाराष्ट्र के महाबालेश्वर चले गए, जहां से 10 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लेकर आए। 28 अक्टूबर को उन्होंने अपने खेत में 10 हजार पौधे लगा दिए। अब सभी पौधे से स्ट्रॉबेरी का फल निकलना शुरू हो गया है।

    जमशेदपुर व रांची के बाजारों में भेजेंगे स्ट्रॉबेरी

    सुलभ ने बताया कि आज उनके खेत में लगे स्ट्रॉबेरी के पौधों में फल आना शुरू हो गया है। अब पौधे से फल निकलना शुरू हो गया है। 25 दिसंबर से बड़े पैमाने पर स्ट्रॉबेरी निकलना शुरू हो जाएगा। वह इसके लिए जमशेदपुर के बाजारों में बिक्री करेंगे। यदि यहां से बच गया तो रांची के बाजारों में स्ट्रॉबेरी बिक्री होगी। सुलभ ने बताया के स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए टेक्निकल सपोर्ट जिला बागवानी पदाधिकारी विजय कुजूर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगे चलकर वह बड़े पैमाने पर तरबूज की खेती करने जा रहे हैं।

    ढाई लाख खर्च कर कमा सकेंगे 10 लाख रुपये

    किसान सुलभ कुमार कहते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में उन्हें ढ्राई लाख रुपये खर्च आया। उन्होंने बताया कि एक पौधा 500 ग्राम से एक किलो तक का फल दे देगा। यदि औसत पकड़ लिया जाए कि एक पौधा से 500 ग्राम ही स्ट्रॉबेरी निकलेगा तो 10 हजार पौधे से 5 टन स्ट्रॉबेरी तीन माह में निकलेंगे। यदि बाजार में 300 रुपये किलो भी स्ट्रॉबेरी बिक्री होती है तो 15 लाख रुपये होगी। यदि इसमें से ढाई लाख रुपये निकाल भी दिया जाए तो खर्च निकाल कर 10 लाख रुपये की बचत होने की संभावना है। सुलभ कहते हैं कि किस्मत खराब रही तो भी 7.5 लाख रुपये तो कहीं नहीं गया है।