अरे बाप रे! सुपर फास्ट ट्रेनों में लोकल ट्रेन सा नजारा, कंफर्म टिकट वालों को भी शेयर करनी पड़ रही सीट
Jamshedpur News दिवाली और छठ आने वाली है। त्योहारी मौसम चल रहा है। कुछ लोग अपने घर जा रहे हैं तो कुछ रिश्तेदार आदि से मिलने जा रहे हैं। ऐसे में ट्रेने कचाकच भरी हुई हैं। आलम यह है कि सुपर फास्ट ट्रेनों में पैसेंजर व लोकल ट्रेन सा नजारा देखने को मिल रहा है।

संवाद सूत्र, खड़गपुर। इन दिनों सुपर फास्ट ट्रेनों में पैसेंजर व लोकल ट्रेन सा नजारा देखने को मिल रहा है। इसके पीछे की वजह त्योहारी मौसम को कहा जा सकता है। वैसे, जल्दी सूरते हाल बदलने की कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही है।
जब यात्री ने सुनाया अपना अनुभव
अपना अनुभव सुनाते हुए एक यात्री ने बताया कि आज मैं तिरुवनंतपुरम से शालीमार तक की सुपर फास्ट ट्रेन से लौटा हूं। स्लीपर क्लास के लोगों का बुरा हाल देखा। तकरीबन हर कम्पार्टमेंट लोगों से भरा हुआ था। ऐसा लगता है मेचेदा या बनगांव लोकल हो।
क्या करते दिखे टीटीई?
बहुत सारे मजदूर भाई हैं, उन्हें देखकर दुख होता है। रेल की नजर इस पर नहीं है। टीटीई जुर्माने की कार्रवाई कर रहा है, लेकिन बेहिसाब यात्री भी कहां जाएं? महिला, बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों की हालत का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
किया कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे का जिक्र
यात्री ने कहा कि पिछली बार यही स्थिति कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसे के बाद नजर आई थी। इधर, उत्तर प्रदेश की यात्रा से लौटी एक महिला ने आप बीती सुनाते हुए कहा कि किसी तरह सीट कन्फर्म होने से वे राहत महसूस कर रही थी।
लेकिन उन्हें क्या पता था कि रिजर्व डिब्बे में भी इतनी भीड़ हो जाएगी कि डिब्बे में घुसना मुश्किल हो जाएगा। परिवार के साथ उन्हें पूरी यात्रा बिना कंफर्म टिकट वाले सह यात्रियों के साथ सामंजस्य बैठाते हुए करनी पड़ी। दोनों तरफ की उनकी यात्रा एक दुःस्वप्न बनकर रह गई।
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