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    जिन्हें खून से मिलनी थी जिंदगी, उन्हें मिला..., सच्चाई जानकर कांप जाएंगे

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:34 PM (IST)

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    चाईबासा ब्लड बैंक में जांच के लिए मंत्रणा करते स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी।

    जागरण संवाददाता, चाईबासा। यह खबर जितनी चौंकाने वाली है, उतनी ही दर्दनाक भी। जिन मासूम बच्चों को हर महीने रक्त चढ़ाकर जीवन की डोर थामे रखने की कोशिश की जा रही थी, वही रक्त अब उनके लिए खतरा बन गया है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के सदर अस्पताल, चाईबासा के ब्लड बैंक में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को चढ़ाए गए रक्त में एचआइवी संक्रमण की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।
    प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि अस्पताल में अब तक 56 थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को रक्त चढ़ाया गया, जिनमें से 6 बच्चे एचआइवी पाजिटिव पाए गए हैं। सभी संक्रमित बच्चों की उम्र 6 से 8 वर्ष के बीच है। मामला तब सामने आया जब एक सात वर्षीय बच्चे में एचआइवी संक्रमण की पुष्टि हुई और परिजनों ने ब्लड बैंक पर संक्रमित रक्त चढ़ाने का आरोप लगाया।
     
    स्वास्थ्य विभाग ने किया पांच सदस्यीय जांच दल का गठन :
    घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया है, जिसमें झारखंड स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक डा. दिनेश कुमार, स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डा. एसएस. पासवान, ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विस के उपनिदेशक डा. बादल चंद्र, डा. शिप्रा दास और डा. सुधीर कुमार शामिल हैं। जांच टीम शनिवार को सदर अस्पताल पहुंची और सिविल सर्जन डा. सुशांतो कुमार मांझी से विस्तृत जानकारी ली।

    सात वर्षीय बच्चे को 32 दाताओं का चढ़ाया गया है रक्त :
    जांच के दौरान पता चला कि सात वर्षीय बच्चे को अब तक 32 दाताओं का रक्त चढ़ाया गया है। सभी दाताओं की खोजबीन की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि संक्रमण ब्लड बैंक में हुआ या कहीं और। सिविल सर्जन ने बताया कि अस्पताल ने डा. शिवचरण हांसदा, डा. मीनू, और डा. बारियार को विशेष जांच टीम में नियुक्त किया है। जांच दल ने प्रभावित बच्चों के लिए उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित करने और पूरे जिले में एचआइवी जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, पश्चिमी सिंहभूम जिले में 517 एचआइवी पाजिटिव मरीज पंजीकृत हैं।

    परिजन बोले- पहले ब्लड बैंक कर्मी ने किया था दुुर्व्यवहार : इस बीच, मंझारी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने आरोप लगाया है कि एक साल पहले ब्लड बैंक कर्मी द्वारा बच्चे की बुआ के साथ दुर्व्यवहार किया गया था, और यह संक्रमण बदले की भावना से की गई साजिश भी हो सकती है। सिविल सर्जन ने कहा कि जांच पूरी पारदर्शिता से की जा रही है, ताकि सच सामने आ सके और किसी भी दोषी को बख्शा न जाए।
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