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    कोई भूखा नहीं रहे इसलिए जमशेदपुर के इस मंदिर में हर साल होता है प्रीति महोत्सव, इस बार यह महोत्सव 14 से 20 मार्च तक

    By Vikas SrivastavaEdited By:
    Updated: Sun, 13 Mar 2022 11:05 PM (IST)

    16 मार्च को सत्यनारायण भगवान की पूजा भी की जाएगी। पिछले दो साल से महोत्सव के दौरान भगवान अय्यप्पा का नगर भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। इस बार प्रशासन की अनुमति से नगर भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

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    जमशेदपुर शहर के बिष्टुपुर-खरकई लिंक रोड के किनारे एक ऐसा मंदिर है जहां हर साल सास्था प्रीति महोत्‍सव होता है।

    जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। बिष्टुपुर-खरकई लिंक रोड स्थित उत्तरी सबरीमलाई धर्मसास्था मंदिर में 14 से 20 मार्च तक 74वां सास्था प्रीति उत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस सास्‍था प्रीति उत्‍सव के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। अनुष्‍ठान संपन्‍न कराने के लिए 11 वेद पंडित हैदराबाद, मद्रास एवं मुंबई से बुलाए गए हैं। इस बात की जानकारी मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष पीएन शंकरन ने मंदिर परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी।

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    जमशेदपुर शहर के बिष्टुपुर-खरकई लिंक रोड के किनारे एक ऐसा मंदिर है जहां हर साल सास्था प्रीति महोत्‍सव का आयोजन होता है। यह मंदिर उत्तरी सबरीमलाई धर्मसास्था के नाम से जाना जाता है। धर्मसास्था का दूसरा प्रचलित नाम भगवान अयप्पा है। यह मंदिर पूरी दक्षिण भारतीय शैली में बना हुआ है। इस प्रीति महोत्सव के आयोजन का मुख्य उद्येश्य है कि कोई भी भूखा न रहे। इस कारण इस प्रीति महोत्सव का आयोजन हर साल होता है। इस बार यह आयोजन 14 मार्च से प्रारंभ हो रहा है और 20 मार्च तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न तरह के धार्मिक अनुष्ठान होंगे। इस महोत्सव के दौरान भक्तों एवं लोगों को प्रसाद बैठाकर खिलाया जाता है। शहर के सैकड़ों लोग इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। स्थानीय मंडली व बाहर से आए मंडली द्वारा भजन कीर्तन का भी आयोजन होता है। यह आयोजन पिछले 74 वर्ष से हो रहा है।

    हैदराबाद, मद्रास एवं मुंबई से आएंगे वेद पंडित

    उत्तरी सबरीमलाई धर्मसास्था मंदिर में 14 से 20 मार्च तक 74वें सास्था प्रीति उत्सव के दौरान कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान होंगे। इसके लिए 11 वेद पंडित हैदराबाद, मद्रास एवं मुंबई से आएंगे। इस बात की जानकारी मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष पीएन शंकरन ने दी। उन्होंने बताया कि अनुष्ठान का शुभारंभ 14 मार्च को संकल्प से होगा, जबकि अंतिम दिन हम भगवान से भूल-चूक के लिए क्षमा मांगते हुए शहर का भ्रमण करेंगे व झारखंड समेत पूरे विश्व में सुख, शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे। अनुष्ठान में 16 मार्च को सत्यनारायण भगवान की पूजा भी की जाएगी। पिछले दो साल से महोत्सव के दौरान भगवान अय्यप्पा का नगर भ्रमन नहीं निकाली गयीं है। इस बार प्रशासन की अनुमति से निकाली जाएगी। 19 मार्च को महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा।

    संवाददाता सम्‍मेलन में मीडिया को जानकारी देते मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष पीएन शंकरन व अन्‍य।

    14 मार्च को संकल्प से शुरू होगा अनुष्‍ठान

    मंदिर समिति के कार्यकारी अध्यक्ष पीएन शंकरन ने उन्होंने बताया अनुष्ठान का शुभारंभ 14 मार्च को संकल्प से होगा, जबकि अंतिम दिन हम भगवान से भूल-चूक के लिए क्षमा मांगते हुए शहर का भ्रमण करेंगे व झारखंड समेत पूरे विश्व में सुख, शांति व समृद्धि के लिए प्रार्थना करेंगे। अनुष्ठान  के कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए उन्‍होंने बताया कि 16 मार्च को सत्यनारायण भगवान की पूजा भी की जाएगी। पिछले दो साल से महोत्सव के दौरान भगवान अय्यप्पा का नगर भ्रमण का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया। इस बार प्रशासन की अनुमति से नगर भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 19 मार्च को महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में महासचिव केएस जायारमन, बी सुब्रमणियम, एस शिव कुमार, नागराज सहित अन्‍य सदस्‍य उपस्थित थे।