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    Russia Ukraine War : जानिए, इस जांबाज महिला पायलट ने 800 छात्रों को कैसे मौत के मुंह से निकाला

    By Jitendra SinghEdited By:
    Updated: Mon, 14 Mar 2022 09:10 AM (IST)

    Russia Ukraine Crisis 24 साल की इस जांबाज महिला पायलट की आज हर तरफ तारीफ हो रही है। कोलकाता की रहने वाली महाश्वेता ने रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे भीषण युद्ध के बीच 800 से अधिक भारतीयों को ऐसे मौत के मुंह से बाहर निकाला...

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    Russia Ukraine War : जानिए, इस जांबाज महिला पायलट ने 800 छात्रों को कैसे मौत के मुंह से निकाला

    जमशेदपुर : रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान कई भारतीय छात्र यूक्रेन में फंस गए थे जो मेडिकल सहित दूसरे विषयों की पढ़ाई करने गए थे। इसके बाद भारत सरकार ने भारतीय छात्रों को यूक्रेन के युद्धग्रस्त स्थिति से निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान 6000 से अधिक भारतीय छात्रों को वहां से निकाला गया।

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    क्या आपको पता है इस अभियान में एक भारतीय महिला पायलट भी शामिल थी। जिसकी उम्र मात्र 24 साल है और वह आज इंटरनेट पर छाई हुई है। यदि आपको उनके बारे में नहीं पता तो आइए हम बताते हैं कि इनके बारे में।

    कोलकाता न्यू टाउन में रहती हैं ये पायलट

    आपको बता दें कि कोलकाता के न्यू टाउन में रहने वाली 24 वर्षीय भारतीय पायलट का नाम है महाश्वेता चक्रवर्ती। महाश्वेता का जुड़ाव जमशेदपुर से भी रहा है। उनके रिश्तेदार लौहनगरी में ही रहते हैं। महाश्वेता ऑपरेशन गंगा में न सिर्फ शामिल हुई बल्कि यूक्रेन के पोलैंड व हंगरी की सीमाओं में फंसे 800 भारतीय छात्रों को सुरक्षित घर भी लेकर आई। ऑपरेशन गंगा की सदस्य महाश्वेता चक्रवर्ती ने 27 फरवरी से सात मार्च के बीच मात्र नौ दिन में छह उड़ाने भरी। इसमें चार पॉलैंड ओर दो हंगरी के लिए और भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त इलाके से सुरक्षित भारत लेकर आई।

    लड़ने के जज्बे को करती हूं सलाम

    महाश्वेता का कहना है कि ऑपरेशन गंगा अभियान उन्हें जीवन भर याद रहेगा। मैं उन छात्रों के जज्बे को सलाम करती हूं जो कठिन परिस्थिति से बाहर निकलें और उनकी घर वापसी में अपनी भूमिका निभाने के लिए मैं खुद को काफी गौरांवित महसूस कर रही हूं।

    महाश्वेता का कहना है कि मैं पिछले चार साल से प्राइवेट कैरियर में उड़ान भर रही हूं। लेकिन कुछ दिन पहले एयरलाइंस ऑफिस से देर रात मुझे फोन आया ओर मुझे बताया गया कि मैं ऑपरेशन गंगा मिशन के लिए चुनी गई हूं और मुझे विमान उड़ाना है। मैं दो घंटे में अपना सामान पैक किया और पोलैंड के लिए रवाना हुई। ढ़ाई घंटे की फ्लाइट के बाद मैं इस्तांबुल के लिए उड़ान भरी। जहां से हमें बचाव कार्य करने का निर्देश दिया गया था।

    आपको बता दें कि ऑपरेशन गंगा के तहत इंडिगो, स्पाइसजेड जैसी एयरलाइंस कंपनियों ने ऑपरेशन गंगा के तहत फंसे भारतीयों को बचाने के लिए केंद्र सरकार का सहयोग किया ओर 75 उड़ानों के माध्यम से भारतीयों को सुरक्षित लाया गया। महाश्वेता का कहना है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी से स्नातक करने के बाद मैंने 13-14 घंटे तक उड़ान भरी थी। लेकिन ऑपरेशन गंगा अभियान के दौरान मैंने देखा कि घर वापसी कर रहे छात्र कितने सदमे में थे। उन्होंने कहा कि भूखे छात्रों को हमने खाने के लिए दिया। लेकिन वे पानी तक नहीं पीना चाहते थे। वे चाहते थे कि अब वे किसी तरह से घर पहुंच जाएं।

    इस अभियान का भी थी हिस्सा

    आपको बता दें कि महाश्वेता ऑपरेशन गंगा से पहले कोविड 19 के शुरूआती चरणों के दौरान इमरजेंसी ऑपरेशन वंदे भारत का भी हिस्सा थी महाश्वेता का कहना है कि समाज में अपने योगदान के लिए मैं भारत सरकार और अपनी एयरलाइंस कंपनी का आभार व्यक्त करना चाहती हूं जिन्होंने मुझे इस अभियान के लिए चुना।

    महाश्वेता का कहना है कि लेकिन असली नायक वे युवा छात्र हैं जिन्होंने युद्धग्रस्त देश से बचने के लिए भूख, प्यास,, नींद के साथ-साथ कड़ाके की ठंड सहित मौत से लड़ाई जीतकर अपने कैरियर की अनिश्चितता से लड़ाई लड़ी और जीती भी।