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    इन उपायों से ब्लड शुगर पर जल्द होगा नियंत्रण, आजमा के तो देखें

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 05 Feb 2019 03:20 PM (IST)

    Health tips. जल्दी थकान होना, वजन कम होना, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और घाव एवं चोट आहिस्ता-आहिस्ता ठीक होना शुगर के लक्षण हैं। ये रहे इलाज के घरेलु नुस्खे।

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    इन उपायों से ब्लड शुगर पर जल्द होगा नियंत्रण, आजमा के तो देखें

    जमशेदपुर, जेएनएन। ब्लड सुगर की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इसके मरीजों की संख्या चिंता में डालनेवाली है। जल्दी थकान होना, वजन कम होना, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और घाव एवं चोट आहिस्ता-आहिस्ता ठीक होना शुगर के लक्षण हैं। आइये बताते हैं शुगर के इलाज के घरेलु नुस्खे। इससे आप शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं। 

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    ये रहे नुस्खे

    - दो से तीन करेले लें और इसके बीज अलग कर करेले का रस निकाल लें। अब इसमें थोड़ा पानी डाल कर सुबह खाली पेट में पीएं। इसके इलावा अपने भोजन में भी करेला का बना हुआ आहार शामिल करें।

    - दो से तीन आंवले लेकर उसके बीज निकाल कर आंवले को पीस लें और एक पेस्ट बना लें। अब एक साफ कपड़े में ये पेस्ट डाल कर इसका रस निचोड़ लें और इसमें एक कप पानी मिलाकर रोजाना खाली पेट पीएं। आप एक कप करेले के जूस में भी आंवले के रस के एक से दो चम्मच मिला कर पी सकते हैं।

    - एलोवेरा के पत्तों को रात भर एक गिलास पानी में भींगने के लिए रख दें और सुबह खाली पेट ये पानी पी लें। एलोवेरा के पत्तों को छीलकर रस को भी पी सकते हैं और इसकी सब्जी बना कर भी खा सकते हैं। एलोवेरा के सेवन से कुछ दिनों में ही शुगर नियंत्रण में आने लगेगी। 

    -रात भर पानी में दो चम्मच मेथी के दाने भिगोएं और सुबह खाली पेट बीजों को चबा-चबा कर खाएं और पानी पी लें या फिर दो चम्मच मेथी के दानों का पाउडर दूध के साथ लें।

    - एक कप हल्के गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर डाल कर हर रोज पीएं या फिर एक कप पानी में दो से चार लटें दालचीनी की दाल कर उबाल लें और ठंडा होने के लिए छोड़ दें। ठंडा होने के बाद पीएं।

    चिकुनगुनिया के ये रहे इलाज

    - पपीते की पत्ती न केवल डेंगू बल्कि चिकुनगुनिया में भी उतनी ही प्रभावी है। बुखार में शरीर के प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, जिन्हें पपीते की पत्तियां तेजी से बढ़ाती हैं। मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।

    -तुलसी और अजवायन भी चिकुनगुनिया के उपचार के लिए बेहद अच्छी घरेलू औषधि हैं। उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।

    - लहसुन और सजवायन की फली चिकुनगुनिया के इलाज के लिए बहुत बढ़िया है। चिकुनगुनिया में जोड़ों में काफी दर्द होता है,ऐसे में शरीर की मालिश किया जाना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी भी तेल में लहसुन और सजवायन की फली मिलाकर तेल गरम करें और इस तेल से रोगी की मालिश करें।

    - दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा और शरीर का तापमान भी नियंत्रित होगा।

    - एप्सम साल्ट की कुछ मात्रा गरम पानी में डालकर उस पानी से नहाएं। इस पानी में नीम की पत्तियां भी मिलाएं। ऐसा करने से भी दर्द से राहत मिलेगी और तापमान नियंत्रित होगा।

    - अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ लेने पर चिकुनगुनिया के वायरस मरते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि अंगूर बीजरहित हों।

    -कच्ची गाजर खाना भी चिकुनगुनिया के उपचार में बेहद फायदेमंद है। यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। साथ ही जोड़ों के दर्द से भी राहत देती है।