मानगो से जुड़ा Drone Attack का मास्टरमाइंड अर्शियान के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस, कई देशों में फैला रखा है आतंकी नेटवर्क
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के सदस्य सैयद मोहम्मद अर्शियान उर्फ हैदर के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है। सीबीआइ के अनुसार अर्शियान दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक है जिसे ड्रोन हमलों में महारत हासिल है। वह 2017 से फरार है और भारत सहित कई देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने का आरोपी है।
जासं, जमशेदपुर। मानगो के आजादनगर रोड नंबर 14 निवासी और प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन आइएसआइएस के सदस्य सैयद मोहम्मद अर्शियान उर्फ ''हैदर'' के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है।
सीबीआइ के अनुसार, अर्शियान दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक है, जिसे ड्रोन हमलों में महारत हासिल है। वह 2017 से फरार है और भारत सहित कई देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने का आरोपी है।
इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान लिया था ड्रोन हमले का प्रशिक्षण
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों के मुताबिक, सैयद मोहम्मद अर्शियान, जिसे उसके संगठन में ''हैदर'' के नाम से जाना जाता है, करीब 40 वर्ष का है और हिंदी, अरबी तथा अंग्रेजी भाषाओं का जानकार है।
सीबीआइ ने अपनी वेबसाइट पर इंटरपोल द्वारा जारी अर्शियान के रेड कार्नर नोटिस को साझा किया है। अर्शियान की सबसे खतरनाक पहचान उसकी ड्रोन हमलों में विशेषज्ञता है।
सीबीआइ लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उसने ड्रोन हमलों को अंजाम देने का प्रशिक्षण प्राप्त किया और इसमें महारत हासिल करने के बाद आइएसआइएस जैसे दुर्दांत आतंकवादी संगठन से जुड़ गया।
अल-कायदा से भाई का संबंध : परिवार पर भी शक की सुई
अर्शियान के आतंकवादी कनेक्शन केवल उसी तक सीमित नहीं दिखते। उसका छोटा भाई भी कथित तौर पर अल-कायदा से जुड़ा हुआ है। 2017 में सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किए जाने के बाद उसे दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।
जांच में पता चला था कि अर्शियान का भाई जीशान अली अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआइएस) द्वारा दिल्ली में स्थापित किए जा रहे शिविरों में युवाओं को इकट्ठा करने और उन्हें प्रशिक्षित करने में शामिल था।
परिवार के दो सदस्यों का ऐसे बड़े आतंकवादी संगठनों से जुड़ा होना इस बात की पुष्टि करता है कि यह केवल एक व्यक्ति का भटकना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित और गहरी पैठ वाली कट्टरपंथी विचारधारा का मामला हो सकता है।
2017 से फरार, तुर्की में हुई थी गिरफ्तारी
सीबीआइ के अनुसार, हैदर को 2017 में तुर्की में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, वर्तमान में उसकी सटीक लोकेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इसी अज्ञात स्थिति के चलते सीबीआइ ने इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था, ताकि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रैक किया जा सके और पकड़ा जा सके।
रेड कार्नर नोटिस दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसे व्यक्ति की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने में मदद करता है।
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