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    रघुनाथ पांडेय का दबदबा कायम, टाटा स्टील यूटिलिटी एंड सर्विसेस श्रमिक यूनियन के फिर से बनें अध्यक्ष

    Updated: Wed, 11 Jun 2025 10:45 AM (IST)

    टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज श्रमिक यूनियन में रघुनाथ पांडेय फिर से अध्यक्ष चुने गए हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बाद हुए चुनाव में र ...और पढ़ें

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    टाटा स्टील यूटिलिटी एंड सर्विसेस श्रमिक यूनियन के फिर से अध्यक्ष बने रघनुाथ पांडेय। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज श्रमिक यूनियन में रघुनाथ पांडेय फिर से अध्यक्ष बने हैं।

    मंगलवार देर रात तक चले मतगणना के बाद रात लगभग दो बजे कोषाध्यक्ष व महासचिव व तीन बजे के बाद अध्यक्ष पद के परिणाम सामने आए।

    अध्यक्ष पद के लिए कुल चार उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। इसमें अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय (397 मत), विपक्ष से उम्मीदवार परमानंद सिंह (214 मत), तीसरे मोर्चा से चंद्रशेखर भूमिज (13 मत) व निर्दलीय प्रत्याशी राजेश कुमार को मात्र दो मत मिले।

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    वहीं, महासचिव के पद पर तीन उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश की थी। इसमें निवर्तमान महासचिव सीडीएस कृष्णन फिर से बाजी मारी। कड़े मुकाबले में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल जायसवाल को मात्र 22 मतों से हराया।

    सीडीएस कृष्णन को (253 मत), गोपाल जायसवाल को (231 मत) और तीसरा मोर्चा से विनय कुमार को (142 मत) मिले।

    इसी प्रकार कोषाध्यक्ष के पद पर पहली बार कोई महिला उम्मीदवार अपना भाग्य आजमां रही थी लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। विपक्ष से उम्मीदवार नेहा उपाध्याय (250 मत) व तीसरा मोर्चा से विजय बहादुर सिंह (31 मत) ही मिले।

    इन्हें हराकर कमलेश सिंह (345 मत) मिले। ऑफिस बियरर्स के 10 में से नौ पदों पर रघुनाथ पांडेय एंड टीम ने कब्जा किया जबकि उपाध्यक्ष के एक पद पर विपक्ष से पिंटू शर्मा जीतने में सफल रहे।

    हम अपने काम के दम पर जीते : कार्यकारी अध्यक्ष

    जीत के बाद पत्रकारों से करते हुए कार्यकारी अमरनाथ तिवारी ने कहा कि हम अपने काम के दम पर चुनाव जीते जबकि विपक्ष अफवाहों के आधार पर चुनाव जीतना चाहते थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

    भरोसा नहीं जीत सका विपक्ष

    उम्मीद थी कि इस बार के चुनाव में विपक्षी टीम बाजी मारेगी और सत्ता पर काबिज होगी लेकिन वे कर्मचारियों का भरोसा नहीं जीत सके। बीते चुनाव में ऑफिस बियरर्स के 11 में से छह पदों पर विपक्ष ने कब्जा किया था लेकिन जिस उम्मीद से कर्मचारियों ने उन्हें जिताया था, वे भरोसे पर खरे नहीं उतरे।