Jharkhand News: यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं के पीछे मनोचिकित्सक ने बताए ये कारण... किया सतर्क
मनोचिकित्सक के अनुसार संयुक्त परिवार व पड़ोस का बिखरना यौन उत्पीड़न का सबसे बड़ा कारण है। पूर्वी सिंहभूम जिले में यौन उत्पीड़न की घटनाओं में काफी तेजी देखी जा रही है। समाज इतना नीचे गिरता जा रहा है कि ढाई साल तक की अबोध बच्ची तक को अपना हवस का शिकार बनाने से भी नहीं चूक रहे। मनोचिकित्सक ने लोगों को सतर्क भी किया है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिले में यौन उत्पीड़न की घटनाओं में काफी तेजी देखी जा रही है। समाज इतना नीचे गिरता जा रहा है कि ढाई साल तक की अबोध बच्ची तक को अपना हवस का शिकार बनाने से भी नहीं चूक रहे।
इसका सबसे बड़ा कारण है संयुक्त परिवार का बिखरना व पड़ोसियों के बीच जिलस की भावना। यह कहना है शहर के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डा. दीपक गिरी का।
डा. गिरी कहते हैं कि यौन उत्पीड़न के कई कारण होते हैं, जैसे कि लैंगिक असमानता, पुरुष प्रधान मानसिकता, सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंड और कानूनी और सामाजिक समर्थन की कमियां।
घरों में बातचीत का तरीका, नशे का आदी होना भी प्रमुख है। डा. गिरी कहते हें कि पहले संयुक्त परिवार और पड़ोसी एक-दूसरे को सामाजिक, भावनात्मक सहायता प्रदान करते थे।
वह बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण प्रदान करने के अलावा सामाजिक मूल्यों व मानदंडों को सिखाने में मदद करते थे। लेकिन आज संयुक्त परिवार और पड़ोस बिखर गया है।
व्यक्तिगत स्वतंत्रता की चाहत और पारिवारिक कलह का होना भी प्रमुख कारक है। सामाजिक अलगाव भावनात्मक समस्या है जो बच्चों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
माता-पिता व शिक्षक की अहम भूमिका
बच्चों को मानसिक तौर पर मजबूत करने, अच्छा व खराब का अहसास कराने में माता-पिता के अलावा शिक्षक की अहम भूमिका है।
थोड़ा ध्यान दें तो बच्चियों को काफी हद तक यौन उत्पीड़न जैसे मानसिक बीमारी को दूर किया जा सकता है।
मनोचिकित्सक डा. दीपक गिरी कहते हैं कि माता-पिता व शिक्षक हमेशा बच्चियों को गुड टच व बैड टच के बारे अहसास कराते हैं।
डा. दीपक गिरी कहते हैं कि खासकर माता अपने बच्चियों के खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को डराने या डराने के बजाय, सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें।
गुड टच और बैड टच के उदाहरणों का उपयोग करें ताकि बच्चे आसानी से समझ सकें। बच्चों को यह सिखाएं कि अगर उन्हें कोई स्पर्श बुरा लगता है तो वे तत्काल बताएं और उस व्यक्ति से दूर जाएं।
माता-पिता बच्चों के साथ लगातार बातचीत करते रहें और उन्हें अपनी चिंताओं या डर को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
गुड व बैड टच को समझें
गुड टच - इसमें बच्चे अच्छा महसूस करते हैं। गुड टच वह स्पर्श है जो बच्चों को सुरक्षित, आरामदायक और प्यार का एहसास कराता है। इसमें इसमें गले लगना, हाथ पकड़ना, पीठ थपथपाना या सिर पर प्यार से हाथ फेरना शामिल है।
यह काम विश्वासपात्र लोग ही कर सकते हैं, जिसमें माता-पिता, परिवार के सदस्य या परिवार के मित्र शामिल हो सकते हैं।
बैड टच - इसमें बच्चियां असहज महसूस करती हैं। बैड टच वह स्पर्श है जो बच्चियों को असहज, डरी हुई या खतरा महसूस कराता है।
इसमें शरीर के निजी अंगों को छूना, मारना या किसी भी तरह का शारीरिक उत्पीड़न शामिल है। इसमें अक्सर ऐसे लोगों द्वारा किया जाता है जो बच्चे के लिए अजनबी होते हैं या जिनसे बच्चा सहज नहीं होता।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।