नौकरी लगाने का भी लालच देता था पास्टर रवि सिंह
प्रार्थना सभा की आड़ में मतांतरण कराने के आरोपित पास्टर रवि सिंह के बारे में बताया जा रहा है कि पांच साल पहले तक वह सिख परिवार से था। इसके माता-पिता अब भी बंगाल के बर्नपुर में रहते हैं।

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। गोलमुरी के टिनप्लेट स्थित नानकनगर में रहने वाला पास्टर रवि सिंह के काम करने का तरीका किसी को भी चौंका सकता है। इसकी गतिविधियों को नजदीक से जानने वाले एक शख्स ने बताया कि पांच साल पहले तक रवि सिंह सिख परिवार से था। इसके माता-पिता बर्नपुर (आसनसोल) में रहते हैं, जबकि वह यहां अपनी दो बहनों के साथ रहता है। यहां इसके तीन मामा का परिवार रहता है, जिन्होंने इसे नानक नगर में रेलवे की अतिक्रमित जमीन रहने के लिए दी। करीब तीन साल से वह यहां हर रविवार को अपने घर की छत पर शामियाना-टेंट लगाकर प्रार्थना सभा चलाता था, जिसमें दूरदराज से लोग आते थे। यह ना केवल गरीबों को पांच से दस हजार रुपये महीना देता था, बल्कि गरीब लड़कियों की मुफ्त में अच्छे लड़के से शादी कराने और बेरोजगार माता-पिता से उनके बेटे-बेटियों को नौकरी लगाने का प्रलोभन तक देता था।
इसके पास करीब एक दर्जन अविवाहित लड़कियां-युवतियां भी थीं, जिनके माध्यम से भी लोगों को जाल में फंसाया जाता था। इसके कई प्रचारक अलग-अलग इलाकों में घूमकर जरूरतमंदों की तलाश में रहते थे। जब इन्हें पता चलता था, तो उस व्यक्ति या उसके किसी रिश्तेदार या परिचित के माध्यम से विश्वास में लेकर उसे प्रार्थना सभा में बुलाया जाता था। वहां एक फार्म दिया जाता था, जिसमें नाम-पता फोन नंबर आदि के साथ फोटो लगाने को कहा जाता था। एक दिन में किसी को इसाई नहीं बनाता था, बल्कि तीन से पांच माह तक उसका ब्रेनवाश करने के बाद उसका मतांतरण कराता था। जब वह आश्वस्त हो जाता था कि अब वह उसका विरोध नहीं करेगा, तब उसे बाइबिल पढ़ने और उसके घर जाकर हिंदू देवी-देवताओं की फोटो-मूर्ति आदि हटवा देता था। यही वजह है कि मतांतरित होने के बावजूद कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा है कि उसका इसने मतांतरण कराया है।
गरीबों को चेन सिस्टम से फंसाता था रवि का गिरोह
इससे जुड़े भुक्तभोगियों ने बताया कि गरीब परिवार को इसके लोग हर महीने पांच से दस हजार रुपये महीना तक देते थे। यही नहीं, इसके बाद उनसे अपने जानने वाले किसी दूसरे गरीब परिवार को बुलाने के लिए कहा जाता था, जिसके लिए अतिरिक्त पैसे दिए जाते थे। यह सिस्टम चेन मार्केटिंग की तर्ज पर चलता था, जिससे इसका कारोबार दिनों-दिन बढ़ता चला गया। जानकार बताते हैं कि बुधवार से इसके लोग शहर व आसपास की बस्तियों-गांवों में 40 दिन तक लगातार राशन बांटेंगे, लेकिन इसाई परिवार को छोड़कर। यह अपने रहन-सहन और अन्य चीजों पर जिस हिसाब से पैसे खर्च करता है, उससे इस बात की पूरी आशंका है कि इसे विदेश से फंडिंग हो रही है।
चारों ओर लगा रखे थे दर्जनों सीसीटीवी कैमरे
नानक नगर में रवि सिंह के तीनतल्ला मकान में बाहर से भीतर तक दर्जनों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अंदर जाने के बाद महिला या पुरुष किसी को मोबाइल फोन जेब से बाहर निकालने नहीं दिया जाता था। यदि किसी ने फोन निकालने की कोशिश भी की, तो वहां मौजूद महिलाएं, युवक से लेकर छोटे बच्चे तक आपको टोक देंगे। अलबत्ता बच्चे पूरे घटनाक्रम या कहें, वहां मौजूद हर शख्स की मोबाइल से वीडियो बनाते रहते थे। वहां जादू-टोना या भूत-प्रेत का प्रकोप बताकर पानी से भरी टंकी में डुबाकर निकाला जाता था। एक बार आदमी डरकर इसके प्रभाव में आ गया, तो फिर उसका चंगुल से बाहर निकलना बहुत मुश्किल होता था।
एक सिख परिवार के दोनों बच्चों को दूसरे राज्य में लगा दी नौकरी
बारीडीह में रहने वाले एक सिख परिवार को विश्वजीत सिंह के माध्यम से इसने जाल में फंसाया। बताते हैं कि इसने उस परिवार के दोनों बेटों की नौकरी पूर्वाेत्तर भारत में नौकरी लगा दी। दोनों बेटे इसाई बन चुके हैं। जब बेटों के पिता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इससे आपत्ति नहीं है। बेटे खुश हैं, तो मैं भी खुश हूं। इसने नौकरी और पैसे का प्रलोभन देकर मुखी समाज के भी कई लोगों को इसाई बनाया है।
जालंधर से जुड़े होने की आशंका
पास्टर रवि सिंह को जानने वाले बताते हैं कि इसने करीब पांच-छह वर्ष पहले इसाई धर्म अपनाने के बाद जालंधर में पास्टर का प्रशिक्षण लिया था। जालंधर में अब भी करीब एक दर्जन संस्थाए चल रही हैं। रवि सिंह ठीक उन्हीं की तरह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व यूट्यूब पर वीडियो-फोटो, संदेश आदि पोस्ट करता है। यह भी पास्टर रवि सिंह मिनिस्ट्रीज के नाम से इंटरनेट मीडिया पर एकाउंट चलाता है, जिसमें हर रविवार को प्रार्थना सभा की सूचना और इसकी वीडियो अपलोड करता है।
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