मालगाड़ियों को रास्ता देने के लिए घंटों रोकी जा रहीं पैसेंजर ट्रेनें, चक्रधरपुर रेल मंडल में यात्रियों का धैर्य टूटा
चक्रधरपुर रेल मंडल में मालगाड़ियों को प्राथमिकता देने के कारण यात्री ट्रेनों को घंटों रोका जा रहा है, जिससे यात्रियों में भारी आक्रोश है। लगातार हो रही देरी से परेशान यात्रियों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। रेलवे को इस समस्या का जल्द समाधान निकालने की आवश्यकता है ताकि यात्री ट्रेनों का परिचालन सुचारू रूप से हो सके।

आउटर सिग्नल पर घंटों ट्रेन रुकने के कारण पैदल गंतव्य तक जाते पैसेंजर।
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेल मंडल में इन दिनों मालगाड़ियों को प्राथमिकता देने की नीति से पैसेंजर ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। रेलवे प्रशासन राजस्व बढ़ाने के दबाव में जहां मालगाड़ियों को समय पर चलाने में जुटा है, वहीं आम यात्रियों की ट्रेनें घंटों तक सिग्नल पर खड़ी रह जाती हैं। इससे यात्रियों में गहरा आक्रोश है।
मंगलवार को इसका ताजा उदाहरण राउरकेला–टाटानगर मेमू पैसेंजर ट्रेन में देखने को मिला। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखा कि ट्रेन कई घंटे तक रास्ते में खड़ी रही, क्योंकि उसके आगे एक मालगाड़ी को क्लियरेंस दिया गया था। लगातार देरी से परेशान यात्री ट्रेन से उतरकर पैदल या सड़क मार्ग से आगे बढ़ने को मजबूर हुए।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि चक्रधरपुर मंडल में मालगाड़ियों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए पैसेंजर ट्रेनों को सिग्नल पर रोक देना आम बात हो गई है। उनका कहना है कि रेल अधिकारियों की प्राथमिकता अब यात्रियों की सुविधा नहीं, बल्कि मालगाड़ियों से होने वाली आय रह गई है।
स्थानीय यात्रियों का कहना है कि ट्रेन संचालन में इस तरह का भेदभाव यात्रियों के समय, रोजगार और पारिवारिक जीवन को प्रभावित कर रहा है। कई बार लोग अपने कार्यालय, स्कूल या कार्यक्रमों में देर से पहुंचने के कारण आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं।
जब दैनिक जागरण ने इस मुद्दे पर सवाल किया, तो रेल अधिकारियों ने सफाई दी कि त्योहारों के सीजन में एक्सप्रेस ट्रेनों को प्राथमिकता दी जा रही है। लेकिन यात्रियों ने इस तर्क को जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने वाला बयान बताया और कहा कि रेलवे को यात्रियों की तकलीफ समझनी चाहिए।


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