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    Chandil Dam Plane Crash: विमान दुर्घटना के एक साल बाद भी जांच अधूरी, पीड़ित परिवार न्याय की देख रहे राह

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 04:42 PM (IST)

    जमशेदपुर में एक साल पहले हुए विमान हादसे की जांच अभी भी अधूरी है। इस दुर्घटना में दो लोगों की जान चली गई थी लेकिन पीड़ित परिवारों को अब तक न्याय और इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला है। जांच एजेंसियां अभी भी दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी हैं जबकि पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए इंतजार कर रहे हैं।

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    जमशेदपुर विमान हादसा को एक साल पूरे। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सोनारी एयरपोर्ट से 20 अगस्त 2024 की सुबह 10 बजकर पांच बजे अलकेमिस्ट एविएशन का प्रशिक्षु विमान वीटीए ताज सेसना 152 ने उड़ान भरी और चंद मिनटों में ही चांडिल डैम में दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

    इस दुर्घटना को एक साल पूरे होने को आए लेकिन उड़ान के कुछ समय बात ही यह विमान चांडिल डैम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

    दुर्घटना के एक वर्ष पूरे होने को आए लेकिन विमान में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी थी या पायलट की गलती से विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।

    इस दुर्घटना में विमान के प्रशिक्षक पटना के मीठापुर निवासी जीत शत्रु आनंद (30 वर्ष) और आदित्यपुर के कल्पनापुरी निवासी प्रदीप दत्ता का इकलौता बेटा प्रशिक्षु शुभ्रोदीप दत्ता (20 वर्ष) की मौत हो गई थी। दुर्घटना के एक साल के बाद न तो पीड़ित परिवार को इंसाफ मिला और न ही इंश्योरेंस का पैसा।

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    नेवी की टीम ने पांच दिन खोजा था विमान

    चांडिल डैम में दुर्घटनाग्रस्त विमान को खोजने के लिए पहले एनडीआरएफ की टीम रांची से जमशेदपुर आई। दो दिन के प्रयास के बावजूद जब विमान नहीं मिला तो रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ की पहल पर नेवी की टीम विशाखापट्टनम से चांडिल पहुंची।

    काफी प्रयास के बाद पहले दोनों पायलटों का शव और सोनार सिस्टम की मदद से पांच दिन बाद विमान को चांडिल डैम से बाहर निकाला गया था।

    विमान के इंजन की चल रही है जांच

    अलकेमिस्ट एविएशन के एमडी मृणाल कांति पाल का कहना है कि पूरे मामले की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) कर रही है। इंजन के कुछ पार्ट्स को जांच के लिए अमेरिका भेजा गया है। एएआईबी द्वारा जांच रिपोर्ट जारी करने के बाद ही मामले में कुछ कहा जा सकता है।

    दुर्घटनाग्रस्त विमान में थी तकनीकी खराबी : किशोर आनंद

    मृत प्रशिक्षक जीत शुत्र के बड़े भाई किशोर आनंद का कहना है कि छोटा भाई अलकेमिस्ट एविएशन में काम करना नहीं चाहता था। वह कई बार मुझे घर आने पर बताता था कि अलकेमिस्ट का विमान लगभग 40 से 50 साल पुराना है और मेंटेनेंस के नाम पर खानापूर्ति होती थी।

    उसके पार्ट्स खराब हैं या सही तरीके से काम नहीं करते हैं। विमान का रेडियो फ्रीक्वेंसी सिस्टम भी खराब था इसलिए विमान को खोजने में इतना समय लगा। रेडियो ट्रांसमिशन भी एक विमान से निकाल कर दूसरे विमान में लगाया जाता था। मैं जो प्राथमिकी दर्ज कराई है उसमें भी यह दर्ज है।

    अलकेमिस्ट एविशन की ओर से यह दावा किया गया कि दोनों पायलट व्हील वाश स्टंट कर रहे थे। जबकि एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में इसका कहीं जिक्र नहीं है।

    मेरा भाई जीत शत्रु फ्लाइंग इंस्टक्टर था और डीजीसीए द्वारा डिप्टी फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर की मौखिक परीक्षा पास कर ली थी उसे केवल 10 घंटे का विमान उड़ाना बाकी था। अनुभवी पायलट होने के बावजूद वे मेरे भाई पर गलत आरोप लगा रहे थे।

    नहीं मिला 18 घंटे फ्लाइंग का पैसा

    मृतक प्रशिक्षु शुभ्रोदीप के पिता प्रदीप का कहना है कि पायलट की ट्रेनिंग के लिए मुझे 32 लाख का पैकेज बताया गया था जिसमें से मैंने कर्ज लेकर 20 लाख रुपये जमा कर दिया था।

    इसके अलावा 18 घंटे फ्लाइंग के लिए अलग से 2.50 लाख रुपये जमा कराया था तभी दुर्घटना हो गई। बेटे ने तो विमान उड़ाया ही नहीं लेकिन अलकेमिस्ट ने मुझे वो पैसा भी वापस नहीं किया।

    इस मामले की जांच एएआईबी कर रही है और दुर्घटनाग्रस्त विमान के इंजन को जांच के लिए यूएस भेजा गया है। पीड़ित परिवारों को इंश्योरेंस का पैसा दिलाने के लिए मैं प्रयासरत हूं। - मृणाल कांति पाल, एमडी, अलकेमिस्ट एविएशन

    मेरा इकलौता बेटा था लेकिन दुर्घटना क्यों हुई, अब तक पता नहीं चला और सारे कागजात जमा करवाने के बावजूद हमें इंश्योरेंस का पैसा भी नहीं मिला है। - प्रदीप दत्ता, मृतक प्रशिक्षु शुभ्रोदीप दत्ता के पिता

    अलकेमिस्ट एविएशन द्वारा पिछले एक साल से इंश्योरेंस का पैसा दिलाने के नाम पर झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। इसके अलावा पीड़ित परिवार को किसी तरह की क्षतिपूर्ति पर भी कोई पहल नहीं की गई है। इस मामले में मैंने कोर्ट में भी याचिका दायर की है। - किशोर आनंद, मृतक प्रशिक्षक के भाई