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    गांजा तस्करी के आरोपियों को छोड़ने पर ओलीडीह ओपी प्रभारी सस्पेंड, शारिक अली को मिला प्रभार

    By Anwesh AmbesthaEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 02:41 PM (IST)

    जमशेदपुर में गांजा तस्करी के आरोपियों को छोड़ने के आरोप में ओलीडीह ओपी प्रभारी दीपक कुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है। एसएसपी पीयूष कुमार पांडेय न ...और पढ़ें

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    ओलीडीह ओपी प्रभारी सस्पेंड

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मादक पदार्थ की खरीद-बिक्री के गंभीर मामले में लापरवाही बरतने और आरोपितों को लाभ पहुंचाने के आरोप में ओलीडीह ओपी प्रभारी दीपक कुमार ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) पीयूष कुमार पांडेय ने सिटी एसपी कुमार शिवाशीष की जांच रिपोर्ट के आधार पर की है। 

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    निलंबन के साथ ही दीपक कुमार ठाकुर को ओपी प्रभारी पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर शारिक अली को नया ओलीडीह ओपी प्रभारी नियुक्त किया गया है।

    बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया

    एसएसपी को सूचना मिली थी कि ओलीडीह ओपी प्रभारी द्वारा अवैध मादक पदार्थों के कारोबार में संलिप्त कुछ युवकों को संदेहास्पद स्थिति में पकड़ने के बावजूद बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया गया। इस मामले की जांच का आदेश सिटी एसपी को दिया गया था।

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    जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 10 दिसंबर 2025 की रात करीब आठ बजे अवैध गांजा खरीद-बिक्री के आरोप में चार युवकों को थाना लाया गया था। इनमें से अमन, संतोष ठाकुर सहित तीन युवकों को बिना प्राथमिकी दर्ज किए और बिना वरीय पदाधिकारियों को सूचना दिए थाना से छोड़ दिया गया। 

    इसके अलावा 11 दिसंबर 2025 को साधु मुंडा नामक एक अन्य संदेही को भी इसी तरह बिना किसी कानूनी कार्रवाई के छोड़ कर दिया गया।

    तथ्यों को छिपाते हुए केवल दो युवकों की गिरफ्तारी 

    मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब वरीय पुलिस अधीक्षक की मासिक अपराध गोष्ठी में मादक पदार्थों के विरुद्ध की गई कार्रवाई को लेकर पूछताछ के दौरान ओलीडीह ओपी प्रभारी ने तथ्यों को छिपाते हुए केवल दो युवकों की गिरफ्तारी की बात कही। 

    उन्हें अविलंब प्राथमिकी दर्ज कर विधिसम्मत कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया गया था, लेकिन जांच अवधि तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।

    आरोपितों और संदेहियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास

    जांच में यह भी पाया गया कि गंभीर और संवेदनशील मादक पदार्थ मामले में प्राथमिकी दर्ज न करना, आरोपितों और संदेहियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास तथा वरीय अधिकारियों को गुमराह करना पुलिस आचरण के विरुद्ध है। 

    सिटी एसपी की रिपोर्ट में ओपी प्रभारी का आचरण संदिग्ध पाए जाने के बाद एसएसपी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।