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झारखंड के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नहीं मिल रहा पीएचडी इंक्रीमेंट

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं साधारण सभा आनलाइन आयोजित हुई। इसमें शिक्षा और शिक्षकीय समस्याओं का निराकरण अविलंब करने का निर्णय लिया गया।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 10 Nov 2020 07:28 PM (IST)
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झारखंड के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को नहीं मिल रहा पीएचडी इंक्रीमेंट

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं साधारण सभा आनलाइन आयोजित हुई। इसमें शिक्षा और शिक्षकीय समस्याओं का निराकरण अविलंब करने का निर्णय लिया गया। साथ ही स्कूल व कालेजों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। झारखंड में संगठन विस्तार पर अलग से चर्चा हुई।

झारखंड के बारे चाईबासा कामर्स कालेज में कार्यरत महासंघ के प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख एवं कोल्हान विश्वविद्यालय अध्यक्ष डा. विजय प्रकाश ने कहा कि झारखंड में पीएचडी इंक्रीमेंट नहीं दिया जा रहा है। अन्य सभी विश्वविद्यालयों में दूसरे स्टेट में यह दिक्कत नहीं है। यहां नहीं है। यूजीसी के प्रावधानों के अनुसार यह स्पष्ट निर्देश है कि जो पहले से पीएचडी कर चुके हैं, उनके योगदान देने के बाद उन्हें पीएचडी इंक्रीमेंट मिलना है। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को शिक्षकों के हित में लागू किए जाने की मांग करते हुए कहा कि न्यू पेंशन स्कीम में सरकार द्वारा प्रदत्त राशि जमा नहीं हो रही है।

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शिक्षकों एवं छात्रों को कर्तव्य बोध कराएगा महासंघ

महासंघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने वार्षिक कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए सभी से आग्रह किया कि पूर्व निर्धारित अपने सभी कार्यक्रम शीघ्र पूर्ण करें। सदस्यता ही संगठन का आधार है इसे अभियान चलाकर शीघ्र पूर्ण करें। कर्तव्य बोध कार्यक्रम 12 से 23 जनवरी 2021 के बीच कराने का निर्णय लिया गया। इसमें शिक्षकों एवं छात्रों को कर्तव्य बोध कराया जाएगा। गुरु वंदन कार्यक्रम को निचली इकाई तक ले जाएं।