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    अब धातुओं की कुंडली और ईंधन की ताकत मापेगा NIT Jamshedpur, उद्योगों की जटिल समस्या सुलझाने में अहम

    By Jitendra Singh Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 10:07 PM (IST)

    एनआइटी जमशेदपुर में 20 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक केंद्रीय अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है। यहां 80 लाख से लेकर तीन करोड़ रुपये तक की ...और पढ़ें

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    एनआइटी जमशेदपुर में 20 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक केंद्रीय अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है।

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। एनआइटी जमशेदपुर अब विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में देश के शीर्ष संस्थानों को टक्कर देने के लिए तैयार है। संस्थान में 20 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक केंद्रीय अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित किया गया है।

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    यहां 80 लाख से लेकर तीन करोड़ रुपये तक की ऐसी मशीनें लगाई गई हैं, जो अब तक केवल आइआइटी या विदेशी प्रयोगशालाओं में ही देखने को मिलती थीं।

    इन मशीनों की मदद से अब जमशेदपुर में ही धातुओं की आणविक संरचना (डीएनए) से लेकर ईंधन की ज्वलन क्षमता तक की सटीक जांच हो सकेगी। यह केंद्र न केवल एनआइटी के शोधार्थियों के लिए बल्कि टाटा मोटर्स और टाटा स्टील जैसे उद्योगों की जटिल तकनीकी समस्याओं को सुलझाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

    रिसर्च हब में स्थापित आप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर'' किसी भी धातु में छिपी अशुद्धियों को सेकंडों में पकड़ सकता है, वहीं बैंबू लैब के आधुनिक 3डी प्रिंटर लोहे से भी मजबूत कार्बन फाइबर के पुर्जे बनाने में सक्षम हैं।

    एयरोस्पेस (अंतरिक्ष विज्ञान) में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों की मजबूती जांचने के लिए एयर जेट इरोजन टेस्टर भी यहां मौजूद है। यह सुविधा केंद्र मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत डिफेंस और स्पेस रिसर्च में नए रास्ते खोलेगा।

    एनआइटी के रिसर्च हब में मौजूद जादुई मशीनें

    1. फ्रोजन सोनिक मिनी 8-के

    क्या है: यह दुनिया के सबसे आधुनिक रेजिन 3डी प्रिंटर में से एक है। यह तरल प्लास्टिक (रेजिन) को ठोस में बदलता है।
    विशेषता: इसकी ''8-के'' क्षमता इसे इंसानी बाल से भी बारीक डिजाइन बनाने में सक्षम बनाती है।
    उपयोग: इसका इस्तेमाल सूक्ष्म रोबोटिक पार्ट्स, मेडिकल इंप्लांट्स (जैसे दांत या हड्डी के ढांचे) और ज्वेलरी की बेहद बारीक डिजाइनिंग के रिसर्च में होगा।

    2. बैंबू लैब एक्स-1 कार्बन और पी-1-एस 

    क्या है: यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से लैस सुपरफास्ट 3डी प्रिंटर है।
    विशेषता: यह सामान्य प्लास्टिक ही नहीं, बल्कि कार्बन फाइबर और नायलान जैसे सख्त मैटेरियल से भी मजबूत पुर्जे मिनटों में छाप सकता है।
    उपयोग: ड्रोन के हल्के और मजबूत ढांचे, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रोटोटाइप और कस्टमाइज्ड इंजीनियरिंग पार्ट्स बनाने में यह क्रांति लाएगा।

    3. आप्टिकल एमिशन स्पेक्ट्रोमीटर
    क्या है: यह धातुओं का डीएनए टेस्ट करने वाली मशीन है। यह प्रकाश की तरंगों से धातु की पहचान करती है।
    विशेषता: यह बता सकती है कि किसी लोहे या स्टील के टुकड़े में कौन सा तत्व (जैसे कार्बन, सल्फर) कितनी मात्रा में मिला है।
    उपयोग: टाटा स्टील जैसी कंपनियों और मेटल रिसर्च के लिए यह वरदान है। इससे यह पता चलेगा कि कोई धातु कितनी शुद्ध और टिकाऊ है।

    4. आक्सीजन बाम्ब कैलोरीमीटर
    क्या है: यह किसी भी ईंधन (कोयला, पेट्रोल या बायोमास) की असली ताकत यानी ऊर्जा मापने का यंत्र है।
    विशेषता: यह एक बंद चैंबर में ईंधन को जलाकर यह सटीक गणना करता है कि उससे कितनी गर्मी (कैलोरी) पैदा होगी।
    उपयोग: नए प्रकार के बायो-फ्यूल (जैव ईंधन) बनाने और रॉकेट प्रोपेलेंट (ईंधन) की क्षमता जांचने में इसका उपयोग होगा।

    5. रियोमीटर
    क्या है: यह तरल और अर्द्ध-तरल पदार्थों (जैसे जेल, पेस्ट या पेंट) के बहने की क्षमता को मापता है।
    विशेषता: यह बताता है कि तापमान या दबाव बदलने पर कोई लिक्विड कैसे बर्ताव करेगा।
    उपयोग: बेहतरीन क्वालिटी का पेंट, इंजन आयल, टूथपेस्ट, और कंक्रीट मिक्स बनाने के रिसर्च में यह मशीन निर्णायक साबित होगी।

    6. एयर जेट इरोजन टेस्टर
    क्या है: यह आंधी-तूफान या तेज हवा में उड़ने वाले कणों से किसी सतह को होने वाले नुकसान की जांच करता है।
    विशेषता: यह मशीन तेज गति से हवा और रेत के कणों को किसी धातु या कोटिंग पर मारती है ताकि उसकी घिसने की क्षमता जांची जा सके।
    उपयोग: विमानों के पंख, विंड टरबाइन और जेट इंजन के ब्लेड कितनी जल्दी खराब होंगे, इसकी जांच इसी मशीन से होती है।