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    यूजीसी भंग नहीं, बल्कि उसका स्वरूप बदल रहा है : कुशवाहा

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भंग किए जाने की बात गलत है। यूजी

    By JagranEdited By: Updated: Tue, 23 Oct 2018 07:37 PM (IST)
    यूजीसी भंग नहीं, बल्कि उसका स्वरूप बदल रहा है : कुशवाहा

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भंग किए जाने की बात गलत है। यूजीसी का स्वरूप बदला जा रहा है जो आज के समय के हिसाब से बेहद जरूरी है। इसको लेकर कई लोग भ्रम फैला रहे हैं यह उचित नहीं है। वर्तमान में भारत के पास आज एक भी विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय नहीं होना अफसोस जनक है।

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    यह बातें केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जमशेदपुर के पोखारी में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के मौके पर मंगलवार को कहीं। उन्होंने कहा कि इस बात की कोशिश हो रही है कि विक्रमशिला और नालंदा की तरह पुरातन और प्रसिद्ध विश्वविद्यालय भारत में बने। इसके लिए दस सरकारी और दस निजी विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है। सरकार इसे विश्वस्तरीय बनाने का पूरा प्रयास कर रही है। आवश्यक राशि एवं संसाधन मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने सांसद विद्युत वरण महतो की मांग पर पोटका एवं पटमदा में केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा की। इसके लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने को कहा।

    उन्होंने कहा कि शिक्षा से सामाजिक सरोकार होना जरूरी है। संवेदनशीलता व सामाजिक सरोकार सीखे बिना शिक्षा बेकार है। कुशवाहा ने रिसर्च बेस्ड शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय शोध आधारित शिक्षा दे तभी शिक्षा के सही मायने होंगे। इससे पहले मंत्री का स्वागत नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के चासलर मदन मोहन सिंह ने किया। इस मौके पर भूमि सुधार एवं राजस्व सचिव अबु इमरान, कोल्हान विवि की कुलपति डॉ शुक्ला माहाती, आरका जैन विवि के कुलपति डॉ एसएस रजी, विधायक मेनका सरदार, सिटी एसपी प्रभात कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक बृजमोहन कुमार आदि मौजूद थे।