Corona Prevention: नीम का तेल बना ग्रामीणों का सुरक्षा कवच, इस गांव में नहीं है एक भी कोरोना संक्रमित
नीम के पेड़ का हर एक हिस्सा औषधि का काम करता है। हो आदिवासी बहुल पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना काल में लोग इसी नीम के फल से निकले तेल का उपयोग कर खुद को कोरोना से बचा रहे हैं।

मनीष दास, कुमारडुंगी (पश्चिमी सिंहभूम)। नीम के पेड़ का हर एक हिस्सा औषधि का काम करता है। नीम का पेड़ आंगन में या गांव में होना काफी फायदेमंद होता है। हो आदिवासी बहुल पश्चिमी सिंहभूम जिले में कोरोना काल में लोग इसी नीम के फल से निकले तेल का उपयोग कर खुद को कोरोना से बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
गांव के लोग घर से बाहर निकलने पर कोरोना से खुद को बचाव के लिए अपने पूरे शरीर में नीम का तेल लगा लेते हैं। इसकी बानगी कुमारडुंगी प्रखंड है। इसके अंतर्गत आने वाले गांवों में आदिवासी कोरोनाकाल में नीम के तेल को सैनिटाइजर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि यह तेल उनके शरीर को कोरोना जैसे वायरस से बचाने के लिए सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है। जिले में बड़ी संख्या में आदिवासी और गैर आदिवासी ग्रामीण नीम का प्रयोग कर रहे हैं। कुमारडुंगी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पंचाभोया गांव में ग्रामीण सैनिटाइजर की जगह हाथ में नीम का तेल लगाते नजर आए। पूछने पर ग्रामीणों ने नीम के तेल के लाभ गिनाने शुरू कर दिए।
कोरोना से जीत लेंगे जंग
गांव के दिकुल बागे ने कहा कि हम गांव वाले खुद को कोरोना वायरस से बचाने के लिए अपने शरीर में नीम का तेल उपयोग करते हैं। किसी भी काम को लेकर कोई भी व्यक्ति गांव से बाहर जाता है तो वह अपने शरीर में नीम का तेल लगा लेता है। गांव वापस आने के बाद साबुन से स्नान कर लेता है। इसी गांव के अंकुरा बागे ने बताया कि लगभग 70 परिवार वाले इस गांव में आज तक एक भी व्यक्ति कोरोना वायरस की चपेट में नहीं आया है। अतिरिक्त सुरक्षा के लिए हम लोग गांव के अंदर से गुजरने वाली सड़क के दोनों छोर पर बांस की बेरिकेडिंग भी करने की तैयारी कर रहे हैं। काम करने दूसरे राज्य गए लोगों के लौटने की सूचना है। उनके लिए 7 दिन के क्वारंटाइन की व्यवस्था गांव के बाहर की गयी है। कुछ समय और संभल गए तो कोरोना के खिलाफ हमारा गांव जंग जीत लेगा।
- नीम के पत्ते एवं बीज में काफी सारे औषधि गुण हैं। कोरोना काल में मैंने खुद को संक्रमण से बचाने के लिए नीम के छिलकों को पीसकर काढ़ा बना कर पीना शुरू किया है। उसके पत्तों को सब्जी बनाकर खाते है। मैं नीम के बीज के तेल को सेनिटाईजर के रुप में उपयोग करता हूं।
-बीरबल बागे, ग्रामीण दियुरी सह जड़ी-बूटियों के जानकार, कुमारडुंगी
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