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    Pardih Kali Mandir: जमशेदपुर के पारडीह काली मंदिर में नवशतचंडी पाठ 31 दिसंबर को, पहुंचने लगे साधु-संत

    By Rakesh RanjanEdited By:
    Updated: Tue, 29 Dec 2020 08:52 AM (IST)

    जमशेदपुर के पारडीह स्थित काली मंदिर में 31 दिसंबर को नवचंडी महायज्ञ होगा। इसके लिए साधु-संतों का आगमन शुरू हो गया है। कोविड 19 को लेकर पूरी तरह एहतिया ...और पढ़ें

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    महंत विद्यानंद सरस्‍वती का अभिवादन करते पहुंचे एक साधु। जागरण

    जमशेदपुर, जासं। दशनामी नागा सन्यासी आश्रम श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की शाखा पारडीह काली मंदिर 31 दिसंबर गुरुवार को श्री श्री नवचंडीपाठ, महायज्ञ और रुद्राभिषेक के मंत्रों से गुंजायमान हो जाएगा। कोरोना महामारी को देखते हुए पहली बार मंदिर के अंदर प्रवेश करने पर मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करने का सख्त निर्देश दिया गया है।

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    मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती ने कहा कि बिना मास्क पहने कोई भी श्रद्धालु मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करे यह आपकी स्वयं व देश की भला के लिए है। उन्होंने बताया कि चूंकि यह आयोजन लगातार हो रहा है, इसलिए श्रदालुओं के दबाव के कारण इसे करना पड़ रहा है। पूजा-पाठ संपन्न कराने के लिए पुरोहितों के दल पंडित मधुसूदन जोशी मंत्रों से वातावरण को पवित्र करने की तैयारी में लगे हुए हैं। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष यह लगातार 31 वां कार्यक्रम हो रहा है, जिसमें दूर दराज से साधु व महात्मा पहुंच रहे हैं। यह कार्यक्रम ब्रह्मालीन महंत नागा बाबा दिगंबर शंकरानंद सरस्वती की स्मृति में आयोजित की जाती है।  श्री श्री नवचंडी महायज्ञ एवं रुद्राभिषेक का शुभारंभ गुरुवार से होगा जो एक जनवरी तक चलेगा।

    भंडारा का भी होगा आयोजन

    जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाधयक्ष सह यज्ञ संरक्षक पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि इस अनुष्ठान के पहले दिन गुरुवार की सुबह 9 बजे  भगवान का अलौकिक श्रृंगार, 11 बजे से चंडीपाठ व संध्या सात बजे से भजन कीर्तन का आयोजन किया गया है। महांत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि एक जनवरी 2021 शुक्रवार की सुबह आठ बजे से पूजन, चंडीपाठ, हवन, महाआरती होगी। इसके बाद दोपहर में एक बजे से आयोजित भंडारा में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।

    पहुंच चुका पुरोहितों का दल

    उन्होंने बताया कि इस आयोजन में शामिल होने के लिए बच्चानंर सरस्वती, सहजानंद सरस्वती हरिद्वार, प्रेमानंद गिरी अजगैवीनाथ सुलतानगंज, आत्मानंद सरस्वती जबलपुर आदि से साधु संत पधार चुके हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यानंद सरस्वती, इंदरानंर सरस्वती, पिंटू, कुणाल, प्रबोध उरांव, हरेलाल महतो आदि लगे हुए हैं। वहीं पूजा पाठ करने वाले पुरोहितों के दल में मधुसूदन जोशी की टीम मंदिर पहुंच गए हैं। मंदिर को सजाने का काम दिन रात चल रहा है।