National Sports Day 2021: नवल होर्मुसजी टाटा 15 वर्षों तक थे भारतीय हॉकी महासंघ के अध्यक्ष
नवल टाटा को खेलों से खास लगाव था। इसके अलावा सामाजिक शैक्षणिक और कल्याणकारी कार्यो में भी कई संस्थाओं में महत्वपूर्ण पद पर रहे। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बॉम्बे स्टेट सोशल वेलफेयर काउंसिल आदि महत्वपूर्ण पदों पर काम किया।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। खेल दिवस के दिन हम मेजर ध्यानचंद और कई विभूतियों को याद करते हैं जिन्होंने हमारे देश में खेलों को बढ़ावा दिया। ऐसे ही एक हीरो के बारे में हम बता रहे हैं जिनका लालन-पालन भले ही औद्योगिक घराने में हुआ लेकिन देश में खेल, खासकर राष्ट्रीय खेल, हॉकी को बढ़ावा देने में इनके योगदान को भूलाया नहीं जा सकता है। ये हैं टाटा मिल्स के चेयरमैन नवल होर्मुसजी टाटा।
लेडी नवाज बाई टाटा ने लिया था गोद
नवल होर्मुसजी टाटा का जन्म 30 अगस्त 1904 को मुंबई में हुआ था। जब नवल केवल चार वर्ष के थे तो इनके पिता का निधन हो गया। जब रतन टाटा सीनियर का निधन हुआ तो अंतिम संस्कार उत्थामा रस्म के लिए बेटे की आवश्यकता थी। ऐसे में रतन टाटा की पत्नी लेडी नवाज बाई टाटा ने नवल टाटा को गोद लिया। तब वे मात्र 13 वर्ष के थे।
टाटा मिल्स के बने चेयरमैन
नवल टाटा ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद लंदन में अकाउंटेंसी की पढ़ाई की और वर्ष 1930 में टाटा ग्रुप में शामिल हुए। अपनी प्रतिभा के दम पर वर्ष 1939 में इन्हें टाटा मिल्स का ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर और एक फरवरी 1941 को टाटा संस लिमिटेड का डायरेक्टर बनाया गया। इसके बाद वर्ष 1947 में कंपनी का एमडी और वर्ष 1948 में टाटा ऑयल मिल्स कंपनी लिमिटेड में एमडी की जिम्मेदारी मिली।
खेलों से था खास लगाव
नवल टाटा को खेलों से खास लगाव था। इसके अलावा सामाजिक, शैक्षणिक और कल्याणकारी कार्यो में भी कई संस्थाओं में महत्वपूर्ण पद पर रहे। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बॉम्बे स्टेट सोशल वेलफेयर काउंसिल, स्वदेशी लीग और नेशनल सेफ्टी काउंसिल में भी इन्हें महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। इसके अलावा नवल टाटा इंडियन कैंसर सोसाटी के चेयरमैन और ऑक्जीलरी फोर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट के रूप में भी काम किया है। नवल टाटा ने भारतीय हॉकी महासंघ में अध्यक्ष के रूप में 15 वर्षो तक अपनी सेवाएं दी।
पद्म भूषण से किए गए सम्मानित
नवल टाटा को सामाजिक संस्थाओं और खेलों के विकास में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 26 जनवरी 1969 में नवल टाटा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। इसी वर्ष इन्हें औद्योगिक शांति में उनकी भूमिका के लिए सर जहांगीर गांधी पदक से भी नवाजा गया। नवल टाटा को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट में आजीवन सदस्यता दी गई थी। पांच मई 1989 को मुंबई में कैंसर से उनका निधन हो गया।
जमशेदपुर में है आधुनिक नवल टाटा हॉकी एकेडमी
भारत में हॉकी के विकास में नवल टाटा का अहम योगदान था। ऐसे में वर्ष 2018 में जमशेदपुर में टाटा ट्रस्ट, टाटा स्टील और बोबलैंडर एकेडमी नीदरलैंड की ओर से अत्याधुनिक नवल टाटा हॉकी एकेडमी की स्थापना की गई। यह एकेडमी वन मिलियन हॉकी लेग्स प्रोग्राम के बीच करार के तहत स्थापित किया गया है। आज यहां झारखंड और ओडिसा के 60 से अधिक आदिवासी व सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे आवासीय एकेडमी के माध्यम से अपना जीवन संवार रहे हैं।
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