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गंगा घाटों की सफाई कर शुरू की 'मिशन गंगे, सेव गंगे' की शुरुआत

नमामि गंगे मिशन से प्रेरित मिशन गंगे, सेव गंगे अभियान का शुभारंभ।टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की इस पहल को एनएमसीजीका समर्थन हासिल है।

By Edited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 01:26 AM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 10:50 AM (IST)
गंगा घाटों की सफाई कर शुरू की 'मिशन गंगे, सेव गंगे' की शुरुआत
गंगा घाटों की सफाई कर शुरू की 'मिशन गंगे, सेव गंगे' की शुरुआत

जमशेदपुर(जागरण संवाददाता) । भारत की पहली एवरेस्ट विजेता महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल की अगुआई में शुक्रवार को हरिद्वार पहुंचे 40-सदस्यीय दल ने यहां पौधरोपण करने के साथ ही नगर निगम और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से सीसीआर के पास गंगा घाटों की सफाई की। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की इस पहल को एनएमसीजी (नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा) का समर्थन हासिल है।

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 नमामि गंगे मिशन से प्रेरित 'मिशन गंगे, सेव गंगे' अभियान के शुभारंभ पर दल प्रमुख बछेंद्री पाल ने कहा कि वह उत्तराखंड की बेटी हैं, इसलिए उत्तराखंड के प्रति उनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं। कहा कि वह गुरुवार को प्रधानमंत्री से मिली थीं। एक अभिभावक के रूप में प्रधानमंत्री ने उन्हें गंगा स्वच्छता को लेकर बहुत-कुछ समझाया। बताया कि अभियान का मुख्य मकसद गंगा स्वच्छता को लेकर जागरुकता पैदा करना है। बछेंद्री पाल के अनुसार इसी कड़ी में उनकी 40-सदस्यीय टीम हरिद्वार पहुंची है। यहां उनका जोर समाज के साथ ही स्कूली बच्चों की ज्यादा से ज्यादा सहभागिता पर रहेगा। टीम जिले के स्कूलों में जाकर छात्रों से संवाद करेगी और स्वच्छता का संदेश देगी।

बताया कि यह अभियान कानपुर, इलाहाबाद व वाराणसी से होता हुआ अक्टूबर के अंत में पटना पहुंचकर संपन्न होगा। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिशन पर ईमानदारी से कार्य कर रही है। खेलों में अच्छा करने वाले धर्मनगरी के युवा प्रत्येक रविवार को गंगा घाटों की सफाई कर स्वच्छता की अलख जगा रहे हैं। इसी की परिणति है कि आज यह मुहिम जनांदोलन का स्वरूप ले चुकी है। इस अवसर पर नगर आयुक्त डॉ. ललित नारायण मिश्र, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कैलाश गुंज्याल, भाजपा के जिला महामंत्री विकास तिवारी व मृदुल कौशिक के अलावा स्पर्श गंगा आदि के सदस्य मौजूद रहे।

 हालात से जीतना सिखाते हैं हौसले : बछेंद्री

हौसले बुलंद हों तो सफलता की राह में पारिवारिक पृष्ठभूमि और विपरीत परिस्थितियां ज्यादा मायने नहीं रखतीं। यह कहना है भारत की प्रथम महिला एवरेस्ट विजेता पद्मश्री बछेंद्री पाल का। वह शुक्रवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय और गायत्री विद्यापीठ के विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव साझा कर रही थीं। बछेंद्री के अनुसार उत्तरकाशी के छोटे से गांव से लेकर माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने तक उन्हें तमाम परेशानियां झेलनी पड़ीं, लेकिन उन्होंने अपने हौसले बुलंद रखे। नतीजा, बड़े सपनों के सामने आर्थिक कमजोरी भी बौनी पड़ गई। बछेंद्री ने बताया कि टाटा स्टील कंपनी के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने सैकड़ों लोगों को बड़े सपने देखना सिखाया और उन्हें पूरा करने को मेहनत करना भी। क्योंकि, मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं होता। बताया कि गंगा की स्वच्छता को लेकर केंद्र सरकार के नमामि गंगे अभियान के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए वह गंगा में रा¨फ्टग करते हुए हरिद्वार से पटना होते हुए गंगासागर तक जाएंगी। इस मौके पर नमामि गंगे अभियान की वरिष्ठ अधिकारी रोजी अग्रवाल ने गंगा को स्वच्छ रखने के विविध उपायों की जानकारी दी। इससे पूर्व, विद्यापीठ परिवार ने पुष्प वर्षा के बीच बछेंद्री को उपवस्त्र ओढ़ाकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विद्यापीठ व्यवस्था मंडल की प्रमुख शेफाली पंड्या व प्रधानाचार्य सीताराम सिन्हा समेत विद्यापीठ परिवार के सभी सदस्य मौजूद रहे। बाद में बछेंद्री ने देव संस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या से भेंट कर गंगा की अविरलता और स्वच्छता पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. चिन्मय पंड्या ने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार ने वर्ष 2011 में निर्मल गंगा जनअभियान की शुरुआत की थी। तब से यह निरंतर चल रहा है। इसके तहत पहले तीन चरणों का कार्य पूरा हो गया है। इस मौके पर प्रतिकुलपति ने बछेंद्री को युग साहित्य भी भेंट किया।


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