एमजीएम कॉलेज में बड़ा बदलाव, ऑक्सीजन प्लांट से हाईटेक हॉस्टल तक जानें क्या-क्या नया हो रहा
जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का होगा कायाकल्प। डिमना स्थित नए भवन में एक अत्याधुनिक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पोस्टमार्टम हाउस की क्षमता को दोगुना करना पीजी छात्रों के लिए छात्रावास का निर्माण और डॉक्टरों को उनके अपने कार्यालय आवंटित करना शामिल है। इन सभी पहलों का उद्देश्य मरीजों डॉक्टरों और छात्रों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कालेज के डिमना स्थित नए भवन में अत्याधुनिक लिक्विड आक्सीजन प्लांट की स्थापना को हरी झंडी दे दी गई है।
इसके लिए जगह का चयन कर लिया गया है और सोमवार को टेंडर की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई। इसके साथ ही, मेडिकल कालेज में कई अन्य महत्वपूर्ण सुविधाओं के विस्तार का भी निर्णय लिया गया है, जिससे मरीजों के साथ-साथ डाक्टरों और विद्यार्थियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। यह अहम फैसले एमजीएम मेडिकल कॉलेज में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में लिए गए।
आक्सीजन प्लांट से दूर होगी किल्लत
एमजीएम कालेज के नए परिसर में लिक्विड आक्सीजन प्लांट की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए डिमना स्थित नए भवन में उपयुक्त जगह तय कर ली है और इसे स्थापित करने के लिए निविदा भी जारी कर दी है।
इस प्लांट के लगने से अस्पताल में आक्सीजन की कमी की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, जिससे गंभीर और आपातकालीन स्थिति में मरीजों को निर्बाध रूप से ाक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। यह प्लांट विशेष रूप से सर्जरी और क्रिटिकल केयर यूनिट (आइसीयू) के लिए जीवन रक्षक साबित होगा।
पोस्टमार्टम हाउस का होगा आधुनिकीकरण
बैठक में वर्तमान पोस्टमार्टम हाउस की क्षमता को दोगुना करने का भी निर्णय लिया गया है। अब इसकी क्षमता बढ़ाकर 24 शवों को सुरक्षित रखने की कर दी जाएगी। इस विस्तार से शवों के प्रबंधन में आसानी होगी और विषम परिस्थितियों में भी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहेगी।
पीजी विद्यार्थियों के लिए रिम्स की तर्ज पर हास्टल
एमजीएम कालेज में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों की आवासीय समस्या को भी सुलझा लिया गया है। बैठक में यह तय हुआ कि पीजी के छात्र-छात्राओं के लिए रांची के राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) की तर्ज पर एक आधुनिक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा।
लंबे समय से विद्यार्थी छात्रावास की मांग कर रहे थे, ताकि उन्हें पढ़ाई और अस्पताल आने-जाने में सुविधा हो सके। इस नए हास्टल के बनने से उनका काफी समय बचेगा और वे अपनी पढ़ाई पर बेहतर ढंग से ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।
विभागों के चिकित्सकों को मिलेंगे अपने कार्यालय
अस्पताल के विभिन्न विभागों में कार्यरत चिकित्सकों को जल्द ही उनके अपने कार्यालय आवंटित किए जाएंगे। इस निर्णय से डाक्टरों को मरीजों के रिकार्ड व्यवस्थित रखने, शोध कार्य करने और मरीजों से परामर्श के लिए एक बेहतर स्थान मिल सकेगा। प्रबंधन के अनुसार, कार्यालयों के आवंटन की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी।
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में एमजीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. दिवाकर हांसदा, एमजीएम अधीक्षक डा. आरके मंधान, उपाधीक्षक डा. नकुल चौधरी, डा. जुझार माझी, सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. एचआर खान और मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. बलराम समेत कई अन्य वरिष्ठ चिकित्सक और अधिकारी उपस्थित थे।
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