निरीक्षण में MGM की खुली पोल: बंद शौचालय, खराब लिफ्ट और ठप टोकन सिस्टम से मरीज हो रहे परेशान
जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में एनईपी निदेशक के निरीक्षण में कई खामियां पाई गईं। ओपीडी में डॉक्टरों के नाम नहीं थे, टोकन सिस्टम बंद था, और अधिकांश शौचालय उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं थे। वाटर कूलर खराब थे और लिफ्ट में मरीजों के फंसने की घटनाएं बढ़ रही थीं। निदेशक ने लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है और मरीजों की सुविधा को प्राथमिकता देने की बात कही है।

फाइल फोटो।
ओपीडी में नहीं थे डॉक्टरों के नाम, टोकन सिस्टम भी ठप
डायरेक्टर ने जब ओपीडी का निरीक्षण किया तो पाया कि सामने बोर्ड पर किसी भी चिकित्सक का नाम प्रदर्शित नहीं था। इससे मरीजों को सही काउंटर तक पहुंचने में परेशानी हो रही थी।
80% शौचालय बंद, कर्मचारियों का अवैध कब्जा
अस्पताल में स्वच्छता व्यवस्था की वास्तविक स्थिति बेहद खराब मिली। निरीक्षण के दौरान सामने आया कि अस्पताल के लगभग 80% शौचालय बंद थे।
मेडिसिन विभाग में 16 शौचालयों में से 11 शौचालय बंद मिले, जिससे मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उपाधीक्षक ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि जितने कर्मचारी हैं, उससे अधिक शौचालयों पर कब्जा है। यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
44 वाटर कूलर खराब, पीने के पानी के लिए भटक रहे मरीज
अस्पताल के विभिन्न तलों पर लगे लगभग 44 वाटर कूलर भी बंद पड़े मिले। ये सभी कूलर मरीजों को सामान्य, गर्म और ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए लगाए गए थे, लेकिन अब इनसे पानी नहीं मिल पा रहा है।
निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर मौजूद होमगार्ड जवानों ने बताया कि अस्पताल की लिफ्ट में मरीजों के फंसने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लिफ्ट ऑपरेटर नहीं होने के कारण मरीज खुद ही लिफ्ट चला रहे हैं।
सिर्फ ईएनटी विभाग में काम कर रहा टोकन सिस्टम
पूरे निरीक्षण में केवल ईएनटी विभाग ही ऐसा मिला, जहां टोकन सिस्टम सक्रिय था। बाकी सभी विभागों में यह सुविधा पूरी तरह ठप थी, जबकि इससे भीड़ प्रबंधन और मरीजों को राहत मिल सकती थी।
एनईपी डायरेक्टर संतोष गर्ग ने कहा कि अस्पताल की अव्यवस्था अब किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी विभागों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और मरीजों की सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

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