हर रोज युवकों को फांस रही ग्लेज इंडिया कंपनी, जमशेदपुर पहुंचते ही बन जाते बंधक
मार्केटिंग कंपनी ग्लेज इंडिया में भोले-भाले युवकों को कौन बहकाकर यहां लाता है यह सवाल लाजवाब है। यहां आते ही युवक बंधक बना लिए जाते हैं।
जमशेदपुर,जागरण संवाददाता। पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर के छोटा गोविंदपुर स्थित मार्केटिंग कंपनी ग्लेज इंडिया में भोले-भाले युवकों को कौन बहकाकर यहां लाता है? कौन उनके भविष्य के खिलवाड़ कर रहा है? इसके पीछे कौन है? यह सवाल आज हर किसी के जेहन में है। बीते दिनों यशोदानगर कार्यालय को जिला प्रशासन के द्वारा सील किए जाने के बावजूद ठगी के मामले सामने आ रहे हैं और आज भी बाहर से लोगों को बुलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
गिरिडीह से बुलाए गए एक अपनपढ़ युवक छोटू मुर्मू को टाटा कंपनी में मैनेजर बनाने का ख्वाब दिखाकर तीन दिन पहले यहां बुलाया गया था। यहां आने के बाद जब तक उसे समझ आता, उसे बंधक बना लिया गया। बीते सोमवार को उस युवक को स्थानीय लोगों ने रुपये दिलवाकर उसके गांव गिरिडीह भेजा दिया। इसी तरह आज भी सैकड़ों युवा-युवती इस फंदे से निकलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई है।
बुआ के बेटे ने दबाव में बुलाया
गिरिडीह डुमरी राजा मीठा गांव का रहने वाला छोटू मुर्मू पढ़ा-लिखा नहीं है। उसकी बुआ का बेटा बालचंद्र बेसरा ने तीन दिन पूर्व फोन किया था। कहा कि बालचंद्र छोटू को टाटा कंपनी में ट्रेनिंग दिलवाकर मैनेजर बनवा सकता है। इसके लिए उसे 6500 रुपये देने होंगे। बुआ के बेटे की बात सुनकर छोटू को लगा था कि शायद उसे मैनेजर बना दिया जाएगा। गोविंदपुर पहुंचते ही छोटू से सारे रुपये बालचंद्र ने लिए और कहा कि कुछ दिनों के बाद और 20 हजार रुपये देने होंगे। उसके बाद उसे मैनेजर की नौकरी मिल जाएगी।
तीन दिनों से था बंधक
छोटू को पिछले तीन दिनों से गोविंदपुर भोला बगान के विष्णु गौरव भवन के भीतर बंधक बनाकर रखा गया था। वह वापस जाना चाह रहा था, लेकिन उसके साथ मारपीट करके कंपनी के भीतर ही रखा गया था। उससे कहा गया था कि और लोगों को फोन करके वह रुपये दिलवाए।
लघुशंका के बहाने भागा संतोष
लघुशंका के बहाने संतोष रविवार को देर रात कंपनी से भाग गया। इसके बाद वह गदड़ा पहुंचा और वहां पर एक युवक लोहरा को पूरी कहानी बताई। रात भर संतोष उसी के घर में रहा। इसी तरह सन्नी सिंह, अश्विनी, सतीश यादव और प्रकाश दुबे ने भी ग्लेज इंडिया से अपनी जान बचाई।
फंसने के बाद हरेक को बनाना है चेन
इसमें फंसने वाले हरेक व्यक्ति चेन सिस्टम के तहत तीन को इसमें फांसता है। फिर उस युवक को तीन लोगों का कमीशन मिलता है। यह जानकारी देते हुए गढ़वा के दिलीप कुमार प्रजापति ने बताया कि तीन माह में 12 लोगों को मेंबर बनाया है। इस तरह एक-दूसरे द्वारा अपने लोगों को बहकाकर कंपनी में नौकरी दिलाई जाती है।
युवकों के साथ रहती महिला भी
गिरीडीह निवासी मो. अली, शहबाज व रहमत के साथ एक महिला कर्मचारी भी रहती है। युवाओं ने बताया कि एक कमरे में एक साथ कई लोग रहते हैं। दो समय के खाने की व्यवस्था कंपनी करती है। बहाली के एवज में उन्हें प्रति व्यक्ति 12,500 रुपए देने पड़े हैं।
विकलांग महिला भी करती है काम
इस कंपनी में विकलांग महिला भी काम करती है। उस महिला को व्हील चेयर पर बैठाकर घर-घर घुमाया जाता है, जो ग्लेज का प्रोडक्ट बेचती है।
बढ़ी गोविंदपुरवासियों की परेशानी
मार्केटिंग कंपनी 'ग्लेज इंडियाÓ ने गोविंपुरवासियों की परेशानी बढ़ा दी है। आए दिन क्षेत्र में हंगामा, मारपीट व भीड़-भड़ाका होने का मतलब ही ग्लेज इंडिया हो गया है। देश के कोने-कोने से कई हजार युवक-युवती यहां आकर काम करते हैं। कंपनी का काम एक-दूसरे को पैसे के लोभ में फांसना व प्रमाण पत्र जब्त कर उम्मीदवारों से काम कराना है। यह बातें गोविंदपुरवासी चंदन पांडेय, जितेंद्र सिंह, राजू कुमार, मोनू कुमार, संतोष कुमार, संतोष सिंह, उमाशंकर व प्रकाश दूबे ने बताई। बताया कि बस्तीवासियों का यहां रहना मुश्किल हो गया है। हजारों की संख्या में रहने वाले युवक-युवतियों ने यहां का माहौल खराब कर रखा है। थीम पार्क हो या फिर गोविंदपुर का कोई मैदान लड़के-लड़कियां एक साथ घूमने के साथ ही गंदी हरकतें करने से भी बाज नहीं आते। पार्क में स्थानीय लोगों का आना-जाना बंद है।
इन पर नहीं होती कार्रवाई
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्लेज कंपनी की लाइजनिंग जबरदस्त है। 2013 में कंपनी शुरू हुई थी। अभी तक इस कंपनी से संबंधित दर्जनों लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई, लेकिन पुलिस रिकार्ड में कहीं कुछ नहीं है।
प्रशासन के आदेश को भी बताया धता
यह कंपनी प्रशिक्षण के नाम पर युवक-युवतियों से घर-घर घूमकर मार्केटिंग कराती है। इसमें कई युवक-युवती आज भी बंधक बने हुए हैं। विडंबना है जिला प्रशासन के आदेश के बावजूद कंपनी ने फिर से अपना काम शुरू कर दिया है तथा युवाओं को फिर यहां बुलाना शुरू है। यशोदानगर का कार्यालय बंद होने के बाद यहां फिर से विवेक नगर व भोला बगान में काम शुरू हो गया है। बीते सोमवार की रात बस से सैकड़ों बेरोजगार यहां पहुंचे हुए। सड़कों पर ये हजारों की तादाद में एक साथ निकलते हैं।
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