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    कौन हैं झारखंड के 21 साल के गेंदबाज मनीषी? दलीप ट्रॉफी में 6 विकेट लेकर मचाया तहलका

    Updated: Sun, 31 Aug 2025 08:49 PM (IST)

    जमशेदपुर के 21 वर्षीय मनीषी ने दलीप ट्रॉफी (Duleep Trophy) में शानदार प्रदर्शन किया। बाएं हाथ के स्पिनर ने ईस्ट जोन की ओर से खेलते हुए नॉर्थ जोन के 6 बल्लेबाजों को आउट किया। मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाजों के होते हुए भी मनीषी ने अपनी फिरकी से सबको प्रभावित किया। मनीषी झारखंड के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने दलीप ट्रॉफी में 6 विकेट लिए।

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    दलीप ट्राफी में चमके मनीषी। (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। सोनारी के एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से निकले 21 वर्षीय लेफ्ट आर्म स्पिनर मनीषी ने अपने क्रिकेट करियर की सबसे बड़ी छलांग लगाई है।

    दलीप ट्राफी के अपने पहले ही मैच में ईस्ट जोन की ओर से खेलते हुए इस युवा सितारे ने अपनी घूमती गेंदों से नार्थ जोन के बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

    बेंगलुरु में खेली जा रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में मोहम्मद शमी और मुकेश कुमार जैसे अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों की मौजूदगी के बावजूद, मनीषी ने कुल छह विकेट झटककर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

    इसी के साथ मनीषी झारखंड के पहले खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने दलीप ट्राफी की एक पारी में छह विकेट लेने का कीर्तिमान स्थापित किया।

    जब तेज गेंदबाजों की जगह स्पिनर ने ढाया कहर

    मैच के पहले दिन जब ईस्ट जोन के कप्तान रियान पराग ने हरी पिच और घने बादलों को देखकर टास जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी, तो हर किसी को उम्मीद थी कि तेज गेंदबाज कहर बरपाएंगे। लेकिन कहानी में रोमांचक मोड़ तब आया जब सोनारी के इस युवा स्पिनर ने गेंद थामी।

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    नार्थ जोन की सलामी जोड़ी 49 रन जोड़ चुकी थी, तभी मनीषी ने अपनी पहली ही गेंद पर अंकित कुमार को पवेलियन भेज दिया। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर यश ढुल समेत नार्थ जोन के शीर्ष क्रम को ध्वस्त कर दिया। मैच में उन्होंने कुल 6 विकेट लिए और सभी को पगबाधा आउट किया, जो उनकी सटीकता को दर्शाता है।

    पुजारा के लिए बुना था खास चक्रव्यूह

    यह पहली बार नहीं है जब मनीषी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया हो। उन्होंने 2024 में रणजी ट्राफी के दौरान चेतेश्वर पुजारा जैसे दिग्गज बल्लेबाज का विकेट लेकर सुर्खियां बटोरी थी। उस पल को याद करते हुए मनीषी बताते हैं, यह एक दिलचस्प कहानी है। मैंने पुजारा के पिछले दो मैच देखे थे और पाया कि वह शार्ट लेग पर कैच देकर आउट हो रहे थे।

    मैंने तुरंत अपने साथी खिलाड़ी को शार्ट लेग पर तैयार रहने को कहा और अपनी गेंद के एंगल में थोड़ा बदलाव किया। नतीजा यह हुआ कि गेंद पुजारा के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर सीधे शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर के हाथों में समा गई।

    संघर्ष से सफलता तक का सफर

    जमशेदपुर की कोचिंग अकादमियों में पले-बढ़े मनीषी के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। शुरुआत में वह एक बल्लेबाज थे, लेकिन डेनियल विटोरी और रवींद्र जडेजा के वीडियो देखकर उन्होंने स्पिन गेंदबाजी को अपना जुनून बना लिया।

    झारखंड की टीम में शाहबाज नदीम और अनुकूल राय जैसे अनुभवी स्पिनरों के होने के कारण उन्हें मौके के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। नदीम के संन्यास के बाद मिले मौके को उन्होंने दोनों हाथों से लपका और 2024-25 रणजी सीजन में 22 विकेट लेकर झारखंड के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बने।

    लक्ष्य सिर्फ रणजी नहीं, टीम इंडिया है

    दलीप ट्राफी में शानदार प्रदर्शन के बावजूद मनीषी के पैर जमीन पर हैं। उन्होंने साफ कहा, अगर आपको सिर्फ रणजी ट्राफी खेलनी है, तो यह एक अच्छा सीजन कहा जा सकता है।

    लेकिन अगर आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं, तो यह सिर्फ एक ठीक-ठाक सीजन है। उनका अगला लक्ष्य रणजी सीजन में 40 से 50 विकेट लेना और बल्ले से भी करीब 250 रन बनाना है, ताकि वह राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नजरों में आ सकें।