Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Malabar Gold: मालाबार गोल्ड ने करीना कपूर खान के स्थान पर तमन्ना भाटिया का नया विज्ञापन प्रसारित किया, हिंदू जनजागृति समिति ने जताई थी आपत्ति

    By Madhukar KumarEdited By:
    Updated: Mon, 25 Apr 2022 01:06 PM (IST)

    Kareen Kapoor Add Controversy रमेश शिंदे ने कहा कि हिंदुओं का पैसा चाहिए परंतु हिंदू संस्कृति-परंपरा नहीं यह नहीं चलेगा। देश में व्यापार करना है तो हिंदू संस्कृति-परंपरा का सम्मान करना ही पड़ेगा। हिंदू संस्कृति का सम्मान नहीं रखा जा रहा हो तो हिंदू समाज बहिष्कार अस्त्र का उपयोग करेगा।

    Hero Image
    Kareen Kapoor Add Controversy: विरोध के बाद करीना कपूर की जगह तमन्ना भाटिया को मिला मौका।

    जमशेदपुर, जासं। अक्षय तृतीया हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है। हिंदू परंपरा के अनुसार इस दिन काफी मात्रा में सोना खरीदा जाता है। परंतु इस निमित्त मालाबार गोल्ड एंड डायमंड ने अक्षय तृतीया के नाम पर जो विज्ञापन प्रसारित किया, वह ‘रमजान’ जैसा लगा। अभिनेत्री करीना कपूर खान के मस्तक पर कुमकुम अथवा बिंदी न लगाकर आभूषणों का विज्ञापन किया। हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि इस प्रकार से हिंदू समाज की भावनाएं आहत करने, हिंदू संस्कृति का हनन करने का प्रयत्न किया गया। हिंदू त्योहारों के समय भी यदि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का, संस्कृति का, परंपराओं का सम्मान नहीं किया जाता हो, तो हिंदुओं को भी इन उत्पादनों का बहिष्कार करना चाहिए। इसका विरोध करने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति ने #No_Bindi_No_Business यह हैशटैग चलाते हुए ट्वीटर पर अभियान छेड़ा था। इसका हिंदुओं ने व्यापक प्रतिसाद किया। दूसरे दिन ही ‘मालाबार गोल्ड’ ने बिंदी न लगाई हुई करीना कपूर-खान के स्थान पर बिंदी लगाई हुई अभिनेत्री तमन्ना भाटिया का नया विज्ञापन प्रसारित किया। यह हिंदुओं का संगठित होकर किए हुए विरोध का परिणाम है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदू संस्कृति-परंपरा का सम्मान करना होगा

    रमेश शिंदे ने कहा कि हिंदुओं का पैसा चाहिए; परंतु हिंदू संस्कृति-परंपरा नहीं, यह नहीं चलेगा। देश में व्यापार करना है तो हिंदू संस्कृति-परंपरा का सम्मान करना ही पड़ेगा। हिंदू संस्कृति का सम्मान नहीं रखा जा रहा हो, तो हिंदू समाज बहिष्कार अस्त्र का उपयोग करेगा, यह प्रतिष्ठानों को ध्यान में रखना चाहिए।

    आनलाइन संवाद में हुई आलोचना

    इस संदर्भ में हिंदू जनजागृति समिति ने 'हिंदू त्योहारों के समय हिंदूविरोधी प्रचार ?’ विषयक आनलाइन ‘विशेष संवाद’ आयोजित किया था। इसमें सम्मिलित इतिहास और संस्कृति अध्ययनकर्ता अधिवक्ता सतीश देशपांडे ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में वामपंथी विचारधारा के लोगों को राजाश्रय मिलने के कारण उन्होंने विविध विश्वाविद्यालय स्थापित कर हिंदूविरोधी विचारधारा का समाज में रोपण किया। उसी का परिणाम है कि, आज बिंदी अथवा कुमकुम न लगाए हुए विज्ञापन प्रसारित हो रहे हैं। उसका अभ्यासपूर्ण विरोध करना चाहिए। कर्नाटक की पत्रकार श्रीलक्ष्मी राजकुमार ने कहा कि हिंदुओं की पहचान मिटाने के लिए प्रारंभ किया हुआ यह ‘सांस्कृतिक जिहाद’ है। आज खाड़ी देशों में वहां की महिला पत्रकार हिजाब धारणकर समाचार देती हैं। तब भारत में मस्तक पर कुमकुम लगाना प्रतिगामिता कैसे हो सकती है ? हमारी धार्मिक क्रियाओं के पीछे का विज्ञान हिंदुओं तक पहुंचना चाहिए।

    दूसरी कंपनियां भी कर चुकीं कोशिश

    सनातन संस्था के धर्मप्रचारक अभय वर्तक ने कहा कि केवल मालाबार वाले ही नहीं, अपितु इससे पूर्व तनिष्क, फैब इंडिया, मिंत्रा, जावेद हबीब, मान्यवर ब्रांड आदि ने भी हिंदूविरोधी आपत्तिजनक विज्ञापन दिए हैं। एक भी विज्ञापन मुसलमान अथवा अन्य पंथियों के विरोध में नहीं है, क्योंकि वे धर्म के लिए संगठित हैं। इसलिए उनके विरोध में विज्ञापन करने का कोई साहस नहीं करता। हिंदुओं को स्वयं का धर्म संजोने के लिए ऐसे उत्पादनों का बहिष्कार करने सहित कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए। इसके विरुद्ध कठोर कानून बनाने की मांग करनी चाहिए।