मंईयां सम्मान योजना में SIT को साइबर ठगी का अंदेशा, जांच करने बंगाल और बिहार गई टीम का हुआ विरोध
पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में मंईयां सम्मान योजना के फर्जीवाड़े की जांच के लिए बंगाल और बिहार गई एसआईटी टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। जांच में साइबर क्राइम का संदेह है। लॉगिन आईडी हैक कर ठगी की गई। सीएसपी संचालकों से पूछताछ की गई लेकिन मास्टरमाइंड तक पहुंचना अभी बाकी है।

संवाद सूत्र, गालूडीह। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला प्रखंड अंतर्गत हेंदलजुड़ी पंचायत में हुए मंईयां सम्मान योजना के फर्जीवाड़ा जांच के लिए पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिला अंतर्गत भोरकुला गंज थाना क्षेत्र के दासपाड़ा गांव के चोपड़ा टोला व बिहार के जीरण गच्छ गांव में गई एसआईटी टीम को ग्रामीणों के भी विरोध का सामना करना पड़ा।
बिहार से मिली जानकारी के अनुसार किशनगंज जिला के पोआखाली थाना व ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के बरचोंदी पंचायत में एसआईटी टीम को लगभग 2-3 घंटा लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा। फिर भी एसआईटी टीम ने पूरे मामले की गहन जांच पड़ताल की।
विरोध के चलते एसआईटी टीम को बहुत ज्यादा सफलता हासिल नहीं हुई। अबतक प्रारंभिक जांच में ये स्पष्ट तौर पर साइबर क्राइम से जुड़ा मामला लग रहा।
सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला की घाटशिला प्रखंड के बीडीओ व पंचायत सचिव के लॉगिन आईडी कर्मचारी के ग्रुप में डालने के कारण साइबर ठग ने हैक कर लिया। हालांकि, आफिशियल ग्रुप से लॉगिन आईडी साइबर ठग के हाथों तक कैसे पहुंचा ये अब तक क्लियर नहीं हो पाया।
दोनों राज्य की सीएसपी सेंटर में हुई जांच
बंगाल व बिहार में गई दो अलग अलग टीम ने संबंधित क्षेत्र में कस्टमर सर्विस प्वाइंट (सीएसपी) संचालक से पूछताछ की। जहां से मंईयां सम्मान योजना का आवेदन ऑनलाइन करने की बात सामने आई। इधर ग्राहक सेवा केंद्र में पुलिस दबिश के बाद दूसरे ग्राहक सेवा केंद्र के संचालकों ने बंद कर गायब हो गए।
लेकिन दोनों राज्यों से ही सीएसपी संचालक को पुलिस झारखंड नहीं ले आ सकी। बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर में दासपाड़ा के चोपड़ा टोला के शेखबस्ती में दो लोग के नाम का सत्यापन किया। जिन्होंने मंईयां सम्मान योजना के तीनों किस्त का उठाव किया।
बंगाल में कई मुस्लिम बहुल इलाकों में जांच में परेशानी आई। ऐसे में वहां पहुंचकर पुलिस बिना बंगाल पुलिस के पूर्ण सहयोग के सही तरीके से जांच नहीं कर पाई। कठिनाइयों को झेलते हुए एसआईटी टीम ने कई सबूत जुटाए। जिससे मामले के जल्द उद्भेदन की संभावना हैं।
मास्टरमाइंड को पकड़ने में जुटी टीम
अबतक एसआईटी टीम मास्टरमाइंड तक पहुंच नहीं पाई। ये बातें भी सामने आई की कई भोले-भाले खाताधारियों के अकाउंट में ये राशि साइबर ठग के द्वारा लिया गया। जिन्हें राशि आने तक की भनक नहीं है। टीम प्रारंभिक जांच कर झारखंड लौट आई।
वरीय अधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित करने के बाद ये टीम दोबारा बंगाल व बिहार मंईयां सम्मान योजना के फर्जीवाड़ा के जांच में जा सकती है। इस संबंध एसडीपीओ अजीत कुजूर ने बताया कि मामले पर जांच जारी है। बताने लायक कुछ नहीं है। जांच पूरा होने पर स्पष्ट बताया जाएगा।
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