सौ वर्ष पहले व्यापार के लिए राजस्थान से जमशेदपुर आए थे माहेश्वरी समाज के लोग
सबसे पहले आगीवाल परिवार जमशेदपुर आया था। फिलहाल 159 परिवार हैं, जिनमें से 77 परिवार व्यवसाय पर ही निर्भर हैं।
जमशेदपुर (दिलीप कुमार)। क्या आपको पता है कि माहेश्वरी समाज के लोग करीब सौ वर्ष पहले व्यापार के लिए राजस्थान से लौहनगरी आए थे। उस वक्त कुछ ही लोग शहर आए थे, लेकिन बाद में उनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ती गई। सबसे पहले आगीवाल परिवार जमशेदपुर आया था। जमशेदपुर में फिलहाल 159 माहेश्वरी परिवार हैं, जिनमें से 77 परिवार अभी भी अपने पारंपरिक व्यवसाय पर ही निर्भर हैं। नई पीढ़ी के युवा अब बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी से भी जुड़ रहे हैं। युवाओं के नौकरी की ओर बढ़ते झुकाव के कारण समाज में व्यवसाय करने वालों की संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है।
शहर में रहने वाले माहेश्वरी समाज के लोगों को संगठित कर विकास के पथ पर आगे बढऩे के लिए 25 फरवरी 1978 को माहेश्वरी मंडल, जमशेदपुर की स्थापना की गई। जुगसलाई स्थित एमइ स्कूल रोड में माहेश्वरी मंडल, जमशेदपुर का सुविधाओं से युक्त अपना भवन है, जिसकी स्थापना 1970 में हुई थी। इसका कार्यक्षेत्र पूर्वी सिंहभूम जिला व सरायकेला-खरसावां जिला है।
ऋषि पंचमी के दिन मनाते हैं रक्षाबंधन
माहेश्वरी समाज रक्षाबंधन के 20 दिन बाद ऋषि पंचमी के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाता है। माहेश्वरी समाज ऋषि पंचमी पर पारंपरिक रूप से धूमधाम के साथ रक्षाबंधन मनाता है। इसके साथ ही समाज प्रतिवर्ष उत्पत्ति दिवस के रूप में महेश नवमी मनाता है। इस अवसर पर शोभायात्रा निकाली जाती है।
सामाजिक कार्यों-गतिविधियों में विशेष रुचि
माहेश्वरी समाज सामाजिक कार्योंं-गतिविधियों में विशेष रुचि लेता है। समाज की ओर से प्रतिवर्ष नेत्र जांच शिविर, रक्तदान शिविर, छठ और रामनवमी में सहायता शिविर, बच्चों के लिए चित्रांकन प्रतियोगिता, होली व दीपावली मिलन समारोह, स्कूलों में बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
माहेश्वरी समाज एक नजर में
-माहेश्वरी परिवारों की संख्या : 159
-सदस्यों की कुल संख्या : 909
-औसत सदस्य संख्या प्रति परिवार :6
अधिकतम आबादी वाले क्षेत्र
जुगसलाई : 57 परिवार
सोनारी : 20 परिवार
आदित्यपुर : 18 परिवार
बिष्टुपुर : 15 परिवार
कदमा : 13 परिवार
माहेश्वरियों के प्रमुख त्यौहार
महेश नवमी (उत्पत्ति दिवस), ऋषि पंचमी, (माहेश्वरी रक्षाबंधन), जन्माष्टमी (गोकुल अष्टमी), महाशिवरात्रि, सावन, कजरी तीज, दीपावली
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