जमशेदपुर में 12 घंटे की ड्यूटी के बाद लोको पायलट की मौत, रेलवे पर लगे गंभीर आरोप
जमशेदपुर में रेलवे लोको पायलट निर्मल दास की 12 घंटे की ड्यूटी के बाद मृत्यु हो गई। ड्यूटी खत्म करने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और अस्पताल में उनकी जान चली गई। रेलवे बोर्ड के नियमों के अनुसार लोको पायलट से छह घंटे से अधिक ड्यूटी नहीं करानी चाहिए लेकिन नियमों का उल्लंघन हो रहा था। इस घटना से रेलवे की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। रेलवे में लोको पायलटों से अतिरिक्त काम कराने का गंभीर मामला एक दुखद घटना के रूप में सामने आया है।
12 घंटे की लंबी ड्यूटी खत्म करने के तुरंत बाद लोको पायलट निर्मल दास की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने रेलवे की कार्यप्रणाली और सुरक्षा नियमों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लोको पायलट (मेल एक्सप्रेस) निर्मल दास को 27 अगस्त को ट्रेन संख्या 12021 एक्सप्रेस पर काम के लिए बुक किया गया था।
उनकी ड्यूटी अगले दिन सुबह नौ बजे समाप्त हुई, जो कुल 12 घंटे की थी। ड्यूटी खत्म करने के बाद जब निर्मल दास परिसर से बाहर निकल रहे थे, तभी वे अचानक लड़खड़ाकर एक बगीचे में गिर पड़े।
उन्हें तुरंत उल्टियां होने लगीं। वहां मौजूद अन्य रेल कर्मचारियों ने आनन-फानन में उन्हें रेलवे अस्पताल पहुंचाया, जहां से डाक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें मेडिट्रिना अस्पताल रेफर कर दिया। दुर्भाग्य से, इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
रेलवे बोर्ड का स्पष्ट आदेश है कि मेल एक्सप्रेस के लोको पायलट से छह घंटे से अधिक की ड्यूटी नहीं कराई जानी चाहिए। इसके बावजूद, आरोप है कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लोको पायलटों से 12 से 14 घंटे तक काम लिया जा रहा है।
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