Jamshedpur : अचानक खामोश हुई सीटी, तीरंदाजी का सारथी एल मूर्ति का निधन
जमशेदपुर से दुखद खबर है: तीरंदाजी के प्रसिद्ध कोच एल मूर्ति का निधन हो गया। उनके मार्गदर्शन में कई तीरंदाजों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त की। उनके निधन से खेल जगत में शोक की लहर है और तीरंदाजी समुदाय को गहरा आघात लगा है। उन्होंने अपना जीवन तीरंदाजी को समर्पित कर दिया था।

एल मूर्ति (फाइल फाेटो)।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। झारखंड तीरंदाजी संघ के वरीय उपाध्यक्ष और तीरंदाजी के क्षेत्र में सशक्त नाम, एल मूर्ति का रविवार को आकस्मिक निधन हो गया। उनका निधन खेल जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है, जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है।
शनिवार को वह बर्मामाइंस में चल रही राज्य तीरंदाजी चैंपियनशिप के दौरान पूरी मुस्तैदी से खिलाड़ियों को निर्देश दे रहे थे। उनका आत्मविश्वास सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत था।
लेकिन अगले दिन ही उनका वह स्थान खाली था। रुक गई उनकी सीटी की आवाज और चुप खड़ी धनुष मानो अपने उस मार्गदर्शक को मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे, जिनका योगदान तीरंदाजी के क्षेत्र में अतुलनीय था।
एल मूर्ति का आकस्मिक निधन अप्रत्याशित घटना थी। शनिवार को वह पूरी तरह से स्वस्थ और ऊर्जा से लबरेज थे। चैंपियनशिप में तकनीकी पदाधिकारी की भूमिका निभा रहे थे।
खेल के दौरान वह खिलाड़ियों को तकनीकी दिशा-निर्देश देने में व्यस्त थे। दिन का कार्य समाप्त करने के बाद, वह अपने आवास काशीडीह लौटे और गले में हल्का दर्द महसूस किया।
यह सामान्य लक्षण जानकर उन्होंने खुद स्कूटी से टीएमएच जाने का निर्णय लिया और वहां से दवा लेकर घर लौटे। लेकिन जब दवा खाई, तो अचानक सांसें उखड़ने लगीं।
परिजन उन्हें फिर से अस्पताल ले गए, लेकिन इस बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही वह रास्ते में ही दम तोड़ चुके थे। एल मूर्ति ने 1981 से तीरंदाजी को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया था और इस खेल में लगभग 44 साल का समय समर्पित किया था।
अपने विनम्र स्वभाव और कड़ी मेहनत के कारण वह सभी आयु वर्ग के खिलाड़ियों और कोचों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। उनका योगदान न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से था, बल्कि उनके मार्गदर्शन में तीरंदाजी के क्षेत्र में कई खिलाड़ियों ने उच्चतम मानक स्थापित किए।
रविवार को राज्य तीरंदाजी चैंपियनशिप में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर कई खिलाड़ियों और कोचों की आंखें नम हो गईं। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि जिस मार्गदर्शक ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया, वह अब उनके बीच नहीं हैं।
चैंपियनशिप में मूर्ति जी के निधन से उदासी का माहौल था, और उनके योगदान को याद किया गया। एल मूर्ति के परिवार में उनकी पत्नी और एक पुत्र हैं। उनका निधन तीरंदाजी और खेल जगत में लंबे समय तक याद किया जाएगा।

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