झारखंड: कुड़मी समाज का रेल रोको-सड़क घेरो आंदोलन शुरू, आधी रात से पुलिस-RPF तैनात, ड्रोन कैमरे से हो रही निगरानी
कुड़मी समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग को लेकर रेल रोको सड़क घेरो आंदोलन शुरू किया गया है। प्रशासन ने घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने की मांग को लेकर झारखंड पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के 100 रेलवे स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन रेल परिचालन बाधित किए जाने की संभावना है।

संवाद सूत्र, सुजीत सरकार, गालूडीह। अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की बहुप्रतीक्षित मांग को लेकर कुड़मी समुदाय के द्वारा शनिवार से शुरू किए जा रहे "रेल टेका डोहोर छेका" यानी रेल रोको सड़क घेरो आंदोलन को ले प्रशासन मध्यरात्रि से ही सतर्क है।
कुड़मी आंदोलन को देखते हुए शुक्रवार को घाटशिला के अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र द्वारा बीएनएसएस की धारा 163 के तहत पूरे अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी।
अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने तथा कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के 100 रेलवे स्टेशनों पर अनिश्चितकालीन रेल परिचालन बाधित किए जाने का आह्वान किया गया है।
इसे देखते हुए घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र में 20 सितंबर को सभी रेलवे स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन के तहत ट्रेनों का परिचालन बाधित किए जाने की संभावना है।
ऐसी स्थिति में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने की प्रबल संभावना है।
शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा लागू
इसी को देखते हुए पूरे अनुमंडल क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु निषेधाज्ञा लागू की जा रही है। निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही स्थिति से निपटने के लिए दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की गई है।
इधर अहले सुबह से ही अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजित कुजूर दल बल के साथ गालूडीह क्षेत्र में मुस्तैद नजर आए। पूरे क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। आरपीएफ के ओसी के नेतृत्व में पूरे स्टेशन परिसर में आरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया।
रेल ट्रैक पर रखी जा रही विशेष निगरानी
रेल ट्रैक को जाम कर कुड़मी समाज परिचालन व्यवस्था को बाधित ना कर पाए इसको लेकर रेल ट्रैक पर विशेष निगरानी रखी जा रही। गालूडीह में अहले सुबह ही रेल ट्रैक को जाम करने पहुंची महिलाओं को आरपीएफ ने खदेड़ा।
स्टेशन आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच हो रही है। उन्हें ट्रेन आने पर ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। स्टेशन के अंदर अनावश्यक भीड़ करने नहीं दिया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन के मुस्तैदी से फिलहाल सुबह सात बजे तक आंदोलनकारी रेल व एनएच जाम में सफल नहीं हो पाए। हालांकि पुलिस प्रशासन पूरी गतिविधियों की बारीकी से नजर रख रही है।
कुड़मी नेता हरमोहन महतो के नेतृत्व में रेल ट्रैक जाम करने पहुंचे आंदोलनकारियों को रोकने पर नजरेबाजी करते आंदोलनकारी।
गांव में ही रोके जा रहे कुड़मी आंदोलनकारी
घाटशिला अनुमंडल के गालूडीह में रेल चक्का जाम व एनएच जाम के मद्देनजर प्रशासन मध्यरात्रि से ही अलर्ट होकर काम कर रही। आसपास के कुड़मी बहुल गांव में विशेष निगरानी रखी गई।
समूह में होकर आने वाले आंदोलनकारियों को रोक दिया जा रहा। चन्द्ररेखा गांव से निकलने वाले आंदोलनकारियों के समूह को रास्ते में रोका गया।
सीओ निशात अम्बर के संग भारी संख्या में पुलिस बल के लोग गांव पहुंचकर आंदोलनकारियों को समझाने में जुट गई। इस क्रम में पुलिस के संग आंदोलनकारियों की बकझक भी हो रही है।
ड्रोन कैमरे की नजर से रखी जा रही चप्पे चप्पे पर नजर
कुड़मी समाज के आंदोलन के मद्देनजर में घाटशिला अनुमंडल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर नजर आ रहा। स्टेशन परिसर पर प्रस्तावित आंदोलन स्थल पर आंदोलनकारियों को प्रवेश करने से पहले ही काफी दूर में रोका जा रहा।
इधर आंदोलन के गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तीसरी आंख ड्रोन कैमरे की भी मदद ली जा रही है। ड्रोन कैमरे से चप्पे चप्पे पर नजर रखते हुए तुरंत ही एहतियातन कदम उठाए जा रहे है।
बरकाकाना रेलवे जंक्शन पर कुड़मी समाज के सैकड़ों लोग स्टेशन पार्किंग के समीप एक स्थल पर जमा हुए इसके बाद प्रशासन द्वारा बैरिकेटिंग को तोड़ते स्टेशन परिसर पर पहुंचे और रेल पटरी पर बैठ कर रेल का चक्का जाम कर दिया।
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