Bengali New Year: बंगला नववर्ष पर मंदिरों में उमड़ी लोगों की भीड़, जानिए क्यों इस दिन नववर्ष मनाते हैं बंगलाभाषी
Bengali New Year Celebration बंगला नववर्ष पर बंगभाषियों ने सुबह की शुरुआत पूजा अर्चना से की। उसके बाद बंगभाषियों ने बाजारों में जाकर उनके पसंदीदा मछली ...और पढ़ें

घाटशिला, जासं। पोइला वैशाख बंगला नव वर्ष पर शुक्रवार को बंगभाषियों ने एक दूसरे को बधाई दी। घाटशिला के प्रसिद्ध रंकिणी मंदिर में पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। अहले सुबह से ही रंकिणी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए लोग पहुंचे। मंदिर में कतारबद्ध होकर महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने पूजा की है। नव वर्ष के उपलक्ष्य पर पूजा के उपरांत बंगभाषियों ने एक दूसरे को शुभकामनाएं दी है। नव वर्ष के उपलक्ष्य पर लोगों ने पारंपरिक परिधान पहनकर उत्सव मनाया है। घाटशिला रंकिणी मंदिर में नव वर्ष के अवसर पर झारखंड उत्थान समिति के द्वारा श्रद्धालुओ के बीच शरबत व ठंडे पानी का वितरण कर सेवा की गई है। वहीं लोगों के बीच मास्क का वितरण कर भी उन्हें जागरूक भी किया गया है।
चना, शरबत लोगों में बांटे गए
दाहीगोडा में शिक्षक मंडली के द्वारा चना, शरबत व शीतल पेय का वितरण किया गया है। वहीं बांग्ला शुभ नववर्ष के अवसर पर दाहीगोड़ा बाजार समिति के तत्वावधान में खीर का वितरण किया गया। झामुमो जिला संगठन सचिव जगदीश भकत ने कहा संपूर्ण क्षेत्र में बांग्ला नववर्ष का एक विशेष महत्व है। ऐसे शुभ दिन पर खीर का वितरण करना सराहनीय कार्य है। इस अवसर पर गोपू बोस, सुखलाल हांसदा, सीटू बारी, अमित बारिक, वरुण बारिक, शंकर राणा,समीर बोस, संजीत स्वामी उपस्थित थे।
नववर्ष पर बंगाली समाज के घरों से आई मछली की खुशबू
बंगला नववर्ष पर बंगभाषियों ने सुबह की शुरुआत पूजा अर्चना से की। उसके बाद बंगभाषियों ने बाजारों में जाकर उनके पसंदीदा मछली की खरीदारी की। आज अधिकांश बंगभाषियों के घरों में मछली बनाएं गए। बंगाली समाज के लोगों में मछली बेहद पसंदीदा व्यंजन है। लोकल व बाहर की कई मछलियों की आज खूब बिक्री हुई। इसके अलावे घरों में कई लजीज व्यंजन बनाए गए है। नववर्ष के दिन बंगभाषियों ने लजीज व्यंजनों का भी लुफ्त उठाया है।

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