जानिए वर्ष 1952 से 1980 के बीच के जमशेदपुर का सफर
जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण-कण में कई रोचक किस्से मौजूद हैं।इस शहर पर दर्जनों किताबें लिखी गई हैं।
जमशेदपुर (अवनीश कुमार)। शहर का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। यहां के कण-कण में कई कहानियां छिपी हैं। इस शहर पर दर्जनों किताबें लिखी गई हैं। समय के साथ जमशेदपुर तेजी से बदल रहा है। ऐसे में यहां के इतिहास से युवाओं को रूबरू करना चाहिए। यह हमसब की जिम्मेदारी है।
ये है जमशेदपुर का सफरनामा
- जमशेदपुर में वर्ष 1952 में जेबीएस बसों का राष्ट्रकीकरण हुआ।
- जमशेदपुर में वर्ष 1952 अर्देसिर दलाल टीबी अस्पताल प्रारंभ हुआ था।
- यहां वर्ष 1954 में टेल्कों द्वारा डैमलर बेंज के सहयोग से पहला वाहन कारखाने से बाहर आया।
- वर्ष 1955 में दो मिलियन टन विस्तार कार्यक्रम के लिए टिस्को ने अमेरिका की केजर इंजीनियर्स से समझौता किया।
- वर्ष 1955 में ही कदमा-सोनारी लिंक रोड और उस पर बने बंगलों और सोनारी रोड पर बंगलों का निर्माण अमेरिका से आए इंजीनियरों के लिए शुरू किया गया था।
- वर्ष 1958 में टिस्को की स्वर्ण जयंती का आयोजन हुआ। इसी क्रम में पहली मार्च को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने शहर में जुबली पार्क का उद्घाटन किया था।
- वर्ष 1958 में दोबारा बड़े पैमाने पर टिस्को के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे।
- वर्ष 1962 में शहर से गुजरने वाली खरकई नदी पर कंक्रीट के पुल का निर्माण कराया गया था।
- वर्ष 1962 में टाटा रोबिन्स फ्रेजर की यहां स्थापना की गई थी।
- वर्ष 1973 में यहां भयानक बाढ़ आई थी। बाढ़ का पानी शास्त्री नगर, रामदास भट्ठा, बिष्टुपुर, जुगसलाई, मानगो आदि क्षेत्रों में आठ से दस फुट ऊंचाई तक भर गया।
- वर्ष 1979 से 80 के बीच एक वर्ष में टेल्को के जमशेदपुर कारखाने में 27000 ट्रकों का उत्पादन हुआ था।